अभिभावकों के खाते में नहीं पहुंचे योगी सरकार के इतने-इतने सौ रुपये, शासन ने जताई नाराजगी……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों को भेजी जाने वाली डीबीटी ;डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर धनराशि के सत्यापन में गोरखपुर और बस्ती मंडल के जिले फिसड्डी साबित हो रहे हैं। गोरखपुर को छोड़ दोनों मंडल के अन्य जनपदों में 60 प्रतिशत बच्चों के खाते में भी धनराशि नहीं पहुंच पाई है। आकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक सिद्धार्थनगर में 48, कुशीनगर 47, बस्ती में 44, देवरिया में 42 प्रतिशत, संत कबीर नगर में 41 तथा महराजगंज में 39 प्रतिशत खातों में ही राशि पहुंची है। डीबीटी के रूप में प्रत्येक बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजी जा रही 1100 रुपये से यूनिफार्म, जूते मोजे, स्वेटर, स्कूल बैग खरीदे जाने हैं।
इसलिए वापस हुई धनराधि
राज्य सरकार ने पहले चरण में प्रदेश के 1.20 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी थी। लेकिन कई खाते निष्क्रिय होने के कारण पैसा वापस आ गया। वजह है सूबे के 22 लाख से ज्यादा बच्चों के अभिभावकों का आधार सीडेड ;बैंक खाते से लिंक नहीं है। वहीं बहुत से अभिभावकों का ब्योरा शिक्षकों के स्तर पर लंबित है। जबकि अभी भी तमाम खाते बीईओ स्तर पर सत्यापित नहीं हो पाया है। वहीं तमाम खाते बीएसए के स्तर पर लंबित हैं।
समीक्षा में सामने आई है सत्यापन की खराब स्थिति
गत शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने प्रदेश के सभी जनपदों में डीबीटी को लेकर समीक्षा की। जिसमें अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने की खराब स्थिति मिलने व ब्योरा सत्यापित न हो पाने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही उन्होंने सभी बीएसए को प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए।