हड्डी और सींग से बनी ज्वेलरी की विदेश में काफी डिमांड, खासियत जान आप भी रह जाएंगे हैरान…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मुरादाबाद। सम्भल जिले की उपनगरी सरायतरीन का हैंडीक्राफ्ट कारोबार दुनिया भर में जाना जाता है। यहां के कारीगर जानवरों के हड्डी सींग से नई.नई कलाकृतियां बनाकर विदेशी खरीदारों को इस ओर आकर्षित करते हैं। पहले इसकी शुरुआत सींग से बनी कंघी से हुई थी। इसके बाद समय.समय पर कारीगर इसमें परिवर्तन कर समय की मांग के अनुसार नए नए आइटम बनाते रहे। इसी क्रम में हड्डी सींग से विदेशी युवतियों की गले की शोभा बढ़ाने के लिए ज्वेलरी बनाई जा रही है। जिससे उनकी सुंदरता में चार चांद लगे हैं।
ज्वेलरी की मांग कीनिया, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका के अलावा अन्य देशों में है। यहां की युवतियां गले के हार, कानों के बुंदे, कड़े प्रयोग कर रही हैं। इतना ही नहीं राजस्थान के लोकगीतों में भी इस ज्वेलरी का प्रयोग किया जा रहा है। बेहतरीन क्राफ्ट और कम दाम के चलते दुनिया भर के बड़े स्टोरों में सम्भल में बनी आर्टिफिशियल ज्वेलरी की धूम है। यूएसए की फारएवर.21, वालमार्ट, टारगेट, ट्यूज.डे मार्निंग, टाप शाप, क्लेयर जैसी कंपनियों के रिटेल स्टोरों पर सम्भल की ज्वेलरी चमकती है। यूरोप में प्राइमार्क, मानसून, नैचुरा, जारा, स्पिरिट और साउथ अफ्रीका में केप यूनियन मार्ट के रिटेल स्टोर में भी यह उपलब्ध है। असंगठित होने की वजह से निर्यात के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन अनुमान है कि सरायतरीन की ज्वेलरी का निर्यात लगभग 30 करोड़ रुपये सालाना का है।