Wednesday, May 1, 2024
उत्तर-प्रदेशमऊ

मनरेगा को लेकर क्षेत्र पंचायत की अनियमितता में छह लोग होंगे जिम्‍मेदार, धनराशि के रिकवरी करने के दिए आदेश…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

मऊ। त्रि.स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत को अधिकार मिला हुआ है। देश में सन 2005 में आई मनरेगा के 17 साल बाद पहली बार क्षेत्र पंचायतों को काम कराने का पूर्ण अधिकार मिला है। इसका शासनादेश जारी करते हुए शासन ने अनियमितता पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। अनियमितता की दशा में शासन ने कार्य प्रभारी, कार्य की मापी करने वाले तकनीकी सहायक, अवर अभियंता, लेखाकार, खंड विकास अधिकारी एवं ब्लाक प्रमुख से सीधे उत्तरदाई माना है। इनसे 16,66.16,66 फीसदी धनराशि के रिकवरी करने के आदेश दिए हैं।

मनरेगा के तहत काम कराने के लिए पहले केवल ग्राम पंचायतें ही स्वतंत्र एजेंसी थीं। क्योंकि ग्राम पंचायतों के पास अपने जाबकार्ड धारक मजदूर हैं और संसाधन भी। वर्ष 2007 में मनरेगा के धरातल पर उतरने के बाद क्षेत्र पंचायतें व जिला पंचायतों ने मनरेगा से दूरी ही बना लिया। ग्रामीण विकास के नाम पर केवल ग्राम पंचायतों ही मनरेगा का द्योतक बन के रह गई। अब योजना के धरातल पर उतरने के 14 वर्ष बाद योगी सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 के ठीक पहले एक बड़ा फैसला लेते हुए क्षेत्र पंचायतों को नववर्ष की बड़ी सौगात दी है। अब तक क्षेत्र पंचायतें केवल राज्यवित्त की निधि से ही नहीं वरन ग्राम पंचायतों की तर्ज पर स्वतंत्र एजेंसी के रूप में मनरेगा के तहत काम कराएंगी। उधर शासन ने इसमें अनियमितता होने की दशा में संबंधित को जिम्मेदार ठहराते हुए बराबर.बराबर निधि की रिकवरी करने के आदेश जारी किए हैं। पहली बार सीधे तौर से उत्तरदाई लोगों को जिम्मेदार माना गया है। स्पष्ट आदेश जारी होने के बाद माना जा रहा है कि काफी हद तक लगाम लगेगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *