मूक बधिर और मानसिक मंदित बता गुमराह कर रहीं थी किशोरियां, आधार ने खोली पोल…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। आधार आम आदमी का अधिकार, स्लोगन सभी आधार कार्ड पर लिखा रहता है। लेकिन यह कितना जरूरी हैए यह उन माता पिता से पूछिए जिन्होंने इसके माध्यम से अपनों को खोकर उन्हें फिर से पा चुके हैं। राजकीय महिला शरणालय की अधीक्षिका आरती सिंह ने बताया कि आलमबाग की लड़की की शातिराना हरकत से हम सब दंग रहे गए। आलमबाग थाने के चक्कर लगा कर जिस बेटी को पाने की दुआएं माता.पिता कर रहे थे उसे वह मृतक बताकर लोगों की सहानुभूति ले रही थी। माता.पिता को भी बच्चों से संवाद जरूर करना चाहिए जिससे भविष्य में कोई ऐसी हरकत न करे। गुरुवार को बिजनौर की लड़की को उसके घर वालों के सिपुर्द किया गया और बुधवार को आलमबाग की लड़की को घर वालों का सौंपा गया।
2017 में एक किशोरी घर से गायब हो गई थी और पिता ने आलमबाग थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थीए लेकिन गुमशुदगी में मामला दर्ज कर पुलिस ने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। नाबालिक होने के कारण नाका पुलिस ने उसे चाइल्डलाइन के माध्यम से मोतीनगर के लीलावती मुंशी बाल गृह में रखवा दिया जहां से कुछ दिन बाद उसे मड़ियांव के बालगृह में भेज दिया। मानसिक मंदित का नाटक कर रही किशोरी जब 18 साल की हो गई तो उसे प्राग नारायण रोड के राजकीय महिला शरणालय लाया गया।