पाकिस्तान जेल में कैद भारत के 500 लोग और मेरा नंबर 306, महोबा के सुनील ने पत्र में बयां की व्याकुलता…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
महोबा। भौरा व्याकुल मधु बिना, कोयल बिना बसंत, मैं व्याकुल तुम बिना, जाने श्री भगवंत। मेहंदी रंग लाती है । सूख जाने के बाद, तुम्हारी याद आती है…। जय श्रीराम प्रिय रेखा देवी सदा खुश रहो। आपकी अभिलाषा एवं कुशलता की कामना रखने वाला आपका पति सुनील सदा श्री शंकर भगवान से नेक मनाया करता है कि मेरे परिवार को कुशल रखें….। यह चंद लाइनें उस पत्र की हैं, जो पाकिस्तान की जेल में बंद महोबा जिले के कबरई थानाक्षेत्र के लिलवाही गांव निवासी सुनील ने पकड़े जाने के छह माह बाद पत्नी को लिखी हैं…। पत्र के मजमून में बांदा के लोगों का भी हवाला और उनके परिवार की कुशलक्षेम की बात लिखी है। पत्र में पाकिस्तान की कराची जेल के बैरक का नंबर भी दर्ज है। उसमें लिखा है कि जेल में भारत देश के करीब 500 आदमी हैं। जिनमें मेरा नंबर 306 पर अंकित है।
महोबा क कबरई के लिलवाही गांव में रहने वाली पत्नी रेखा ने बताया कि नौ नवंबर 2017 को उनके पति सुनील को गुजरात के पोरबंदर में मछली पकड़ने के दौरान पाक सीमा में पहुंचने पर पकड़ लिया गया था। उसके छह माह बाद उन्हें मिला दो पेज का पत्र पाकिस्तान की मुहर लगे हुए लिफाफे में है। उसी के सहारे उनकी यादों में जी रही हूं। इसमें पति ने लिखा है कि जब मैंने चाचा के यहां फोन किया था तो उसी दिन पकड़ गया था और आप से बात भी नहीं हुई। न ही आपका कोई पता मिला। आप अपनी बच्चियों का ख्याल रखना और अपने मतलब से काम रखना और किसी से झगड़ा नहीं करना और आरती से कहना कि आप सब लोगों कि बहुत याद आती है। और अगर आपके पास खर्च न हो तो उधारी ले लेना मैं जब आऊंगा तो सब कुछ हो जाएगा।