सबकुछ अपडेट है लेकिन बैंकों के विलय से अटका मातृत्व लाभ, जानें पूरा मामला…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
अलीगढ़। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की बैंक में नो योर कस्टमर केवाइसी होना जरूरी है। केवाइसी अपडेट रहनी चाहिए। इन दिनों प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पीएमएमवीवाइ समेत स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओं के लाभार्थियों की समस्या बढ़ी हुई है। दरअसल पिछले दिनों कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय होने से बैंको के आइएफएससी कोड बदल गए हैं। इस वजह से बहुत से लाभार्थियों के भुगतान नहीं हो पा रहे। सीएमओ ने सभी लोगों से अपनी केवाइसी अपडेट कराने की अपील की है।
अस्पतालों व बैंकों के चक्कर काट रहे लाभार्थी
इस योजना के अंतर्गत पहली बार मां बनने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं । प्रसव चाहे सरकारी हो या निजी अस्पताल में कराया गया हो। योजना के तहत अब तक जिले में 75, 388 पंजीकृत लाभार्थी है। यह योजना जनवरी 2017 से लागू है। योजना के काफी लाभार्थी इन दिनों सीएमओ कार्यालय, स्वास्थ्य इकाइयों व बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। क्योंकि उनकी किस्त अचानक रुक गई हैं।
गर्भवती महिला को तीन किश्तों में दी जाती है पांच रुपये की धनराशि
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपए की धनराशि दी जाती है। चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए माता.पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में एक हजार रुपए दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर दूसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपए और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने तथा बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपए दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किए जाते हैं। बैंकों के विलय से केवाइसी अपूर्ण होने के कारण समस्या हो रही है।