एडीओ पंचायत के संरक्षण में बांटे गए थे फर्जी चेक, प्रधान समेत छह पर रिपोर्ट…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मुरादाबाद। विकास खंड भगतपुर टांडा के ठिरियादान गांव में शौचालयों के निर्माण के लिए फर्जी चेक देकर वोट लेने में एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह भी दोषी पाए गए हैं। पुलिस ने ग्राम प्रधान, उनके पति और एडीओ पंचायत समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
ग्राम ठिरियादान निवासी इरफान और वहीद ग्राम प्रधान के चुनाव के दौरान मतदाताओं को फर्जी चेक वितरण का मुद्दा उठाया था। उनकी तहरीर पर थाना भगतपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि 25 अप्रैल की रात को प्रधान पद की प्रत्याशी सुरजा देवी, राजपाल सिंह, हरिओम सिंह और विशेष कुमार ने 12.12 हजार रुपये के 80 फर्जी चेक ग्रामीणों को दिए। इनकी कीमत नौ लाख 60 हजार थी। इसके बदले सूरज देवी को वोट देने के लिए कहा गया। बताया गया कि आप सभी को कार के निशान पर मोहर लगानी है। पूरे परिवार के वोट देने के बदले ही चेक दिया गया था। चेक देने वाले आपस में चाचा.भतीजे हैं। भोली भाली गरीब अनपढ़ जनता ने लालच में आकर वोट दे दिए। इसकी वजह से सुरजा देवी ग्राम प्रधान चुन लीं गईं। वोट लेने के तुरंत बाद चेक वापस ले लिए गए। लोगों के साथ धोखा हुआ। अभी भी ऐसे कुछ चेक हाथ लगे हैं। इनके संबंध में मुख्यमंत्री से शिकायत हुई है। पीड़ितों ने धोखा होने पर मंडलायुक्तए डीएम और सीडीओ से शिकायत भी हुई थी। जिसकी जांच बीडीओ भगतपुर टांडा ने की। जांच में सभी आरोपित दोषी पाए गए। यह भी पता लगा कि स्वच्छ भारत मिशन के ब्लाक कोआर्डिनेटर राजपाल सिंह ग्राम प्रधान के पति हैं। कंप्यूटर आपरेटर विशेष कुमार उनके भतीजे हैं। जांच के दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई। जांच में एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह भी दोषी पाए गए थे। वहीं दूसरी ओर परियोजना निदेशक डीआरडीए ने 40 अपात्रों के खाते में भेजी गई शौचालय निर्माण की दूसरी किश्त बैंकों को पत्र भेजकर रुकवा दी है। बताया जा रहा है कि आगे की कार्रवाई मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन एक दो दिन में करेंगे। अपात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। एसपी देहात विद्या सागर मिश्र ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखकर विवेचना कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।