Monday, April 29, 2024
उत्तर-प्रदेशकानपुर

करंट लगाकर पति की हत्या, पत्नी बोली- जानवरों की तरह पीटता था, मैं नहीं मारती तो मुझे मार डालता

आगरा। वह रोज मुझे जानवरों की तरह पीटता था। जब तक थक नहीं जाता, उसके हाथ नहीं रुकते थे। रोज घुट-घुटकर जी रही थी।पति को नहीं मारती तो किसी दिन वह मुझे मार देता। पति की हत्या कर चौकी पहुंची प्रीती का पुलिस के पूछताछ करने पर यह कहना था। उसके चेहरे पर पश्चाताप के भाव नहीं थे, इस बात का भी डर नहीं था कि जेल जाने पर उसकी पुत्रियों का क्या होगा।

पुलिस की पूछताछ में प्रीती ने बताया कि उनकी शादी को 10 वर्ष हुए हैं। पति वेंडर था, काम खत्म होने के बाद रोज देर रात शराब पीकर घर लौटता था। घर आने में देर होने पर यदि वह फोन करके पूछ ले कब आओगे तो वह गालियां देने लगता था। शादी के कुछ वर्ष बाद शायद ही कोई दिन ऐसा गया जब पति ने उसे पीटा न हो।

रविवार रात को नीरज शराब पीकर आया था। बेटियां उसके आने की प्रतीक्षा करके सो गई थीं। इससे वह गुस्से में थी, पति से पूछ लिया कि इतनी क्यों पीते हो? इसी बात पर उसे बेरहमी से पीट दिया। इसके बाद आराम से जाकर साे गया। उसने पति के हाथ-पैर बांध उसे करंट लगा दिया। लगभग 10 मिनट तक पति काे करंट लगाया, इसके बाद उसे देखा तो सांस नहीं चल रही थी। वह रात भर शव के साथ कमरे में बैठी रही। सुबह खुद पुलिस के पास पहुंच गई।

बराबर कमरे में रहने वाले किराएदार को भी नहीं लगी भनक

नीरज और प्रीती जिस मकान में किराएदार हैं, वहां पांच अन्य किराएदार भी रहते हैं। नीरज के बराबर वाले कमरे भी परिवार के साथ किराएदार रहता है। उन्हें तक हत्या की भनक नहीं लगी। सुबह करीब आठ बजे प्रीती ने कमरा खोला तो सामने रहने वाले किराएदार महिला से बातचीत की।

उस समय वह सामान्य दिखाई दे रही थी। कहीं से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा था कि वह उसने पति की हत्या कर दी है। उसका शव कमरे में रखा हुआ है। किराएदारों ने पुलिस को बताया कि प्रीती ने कमरे पर ताला गया, दोनों बेटियाें को साथ लेकर चली गई।उन्हें सामने की दुकान से उन्हें चिप्स आदि दिलाने के बाद चली गई।

स्वजन बोले प्रीती की हरकतों से परेशान था नीरज

वहीं, सदर थाने पहुंचे नीरज के स्वजन ने प्रीती के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। स्वजन का कहना था कि प्रीती का मायका नगला पदी न्यू आगरा में है। वह आए कलह करती थी। शादी से पहले नीरज मुंबई में एक कंपनी में काम करता था। शादी के बाद प्रीती ने दबाव बना उसे आगरा में रोक लिया। नीरज को स्वजन से मिलने पर रोक-टोक करती थी। बात-बात पर बवाल करती थी।

परिवार को बिखरने से बचाने के लिए नीरज उसकी कलह व अन्य गलतियों को नजरअंदाज कर देता था। नीरज को लगने लगा था कि प्रीती से शादी करके उसने गलती कर दी है।वह नीरज को दिन में कई बार फोन करके उसकी लोकेशन पता करती थी। वह बता दे कि स्टेशन पर है तो कहती कि ट्रेनों की आवाज क्यों नहीं सुनाई नहीं दे रही है। वह घर आता तो उसका मोबाइल चेक करती थी।

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