बिकरु कांडः ताजिंदगी नहीं भरेगा घाव, याद रहेगा वो खौफनाक मंजर….शहीदों की पहली बरसी पर बोले अपने…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। देशभर में सनसनी बने बिकरू कांड ने पूरे पुलिस सिस्टम को झकझोर दिया था। इसका सबसे ज्यादा असर उन परिवारों पर पड़ा जिनके अपने बलिदान हो गए थे। बेशक सरकार और पुलिस विभाग ने शहीद परिवारों के लिए संवेदनाओं और आर्थिक सहायता के दरवाजे खोल दिए थे। लेकिन वे घाव आज तक नहीं भरे जो उस रात मिले थे। 2 जुलाई की रात बिकरू में शहीद हुए हर पुलिसकर्मियों पर अपनों की जिम्मेदारी थी। किसी को पिता का फर्ज पूरा करना था तो किसी के कंधे पर बहन की डोली का फर्ज था। तो कोई मां.बाप का इकलौता सहारा था। घरवाले आज भी कहते हैं कि ये घाव ताजिंदगी नहीं भरेंगे, वो मंजर हमेशा याद रहेगा। गोलीबारी में तत्कालीन थाना प्रभारी बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह, सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय, सिपाही शिवमूरत, अजय कुमार, अजय सिंह और होमगार्ड जयराम भी घायल हुए थे।