यूपी बोर्ड 10 वीं में प्रमोट करने का खोज रहा पारदर्शी फार्मूला, विषयवार यह देने पर विचार….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई की तर्ज पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड भी हाईस्कूल परीक्षार्थियों को विषयवार अंक देकर प्रमोट करने पर मंथन कर रहा है। इसीलिए सभी 27 हजार से अधिक माध्यमिक कॉलेजों से छमाही व प्रीबोर्ड परीक्षा के विषयवार अंक मांगे गए हैं। हकीकत यह है कि कोरोना संक्रमण के दौर में माध्यमिक कॉलेज 2020 में साल के अंत में जैसे.तैसे खुल पाए थे ऐसे में छमाही परीक्षा अधिकांश कॉलेजों में हुई ही नहीं। वहीं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों की रुचि प्रीबोर्ड इम्तिहान पर नहीं होती। इस बार जरूर सख्ती रही फिर भी सभी के वास्तविक अंक मिल पाना बेहद मुश्किल है। हालांकि यूपी बोर्ड ने वेबसाइट पर छमाही और प्रीबोर्ड परीक्षा के अंक अपलोड करने की मियाद बढ़ाकर 20 मई कर दिया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 इस वर्ष अभी नहीं हो सकी हैं। कोरोना के जिस तरह के हालात हैं उसमें जल्द परीक्षा कराना संभव नहीं लगता। शासन के निर्देश पर यूपी बोर्ड हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को प्रमोट करने की तैयारी में है। यानी 10वीं की परीक्षा निरस्त करने का ऐलान सरकार कर सकती है। यूपी बोर्ड के सौ वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका हो सकता हैए जब हाईस्कूल की परीक्षा नहीं हो। अन्यथा पूर्व में हालात चाहे जो रहे हों परीक्षाएं हुईं और उनका रिजल्ट भी आया है।
उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी बोर्ड इन दिनों परीक्षार्थियों को अंक देने का ऐसा फार्मूला खोज रहा है जो पारदर्शी हो। इस परीक्षा में अंक देकर प्रमोट करना मजबूरी है। क्योंकि हाईस्कूल का प्रमाणपत्र जन्म तारीख का अहम दस्तावेज है। साथ ही जिन प्रतियोगी परीक्षाओं में मेरिट पर चयन होता है उसमें भी आकलन हाईस्कूल से ही किया जाता है।
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने 18 मई को शाम पांच बजे तक हाईस्कूल के परीक्षार्थियों का छमाही व प्रीबोर्ड का ब्योरा वेबसाइट पर दर्ज करने को कहा था। लेकिन अब समय सीमा बढ़ाकर 20 मई कर दी गई है। बोर्ड इन परीक्षाओं की जगह यदि कक्षा नौ का स्कूलवार व विषयवार परिणाम मांगता तो बेहतर रहता। क्योंकि अंकपत्र छात्र.छात्राओं के पास है और कालेज उसमें बड़ा बदलाव नहीं कर पाते।