अब बाघों पर टूटा प्रकृति का कहर, पन्ना अभ्यारण्य में बाघिन की मौत, नौ दिन में मिला पांचवां शव….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच अब बाघों पर प्रकृति का कहर बरस रहा है। मध्यप्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य में छह वर्षीय एक बाघिन का शव मिला है। राज्य में पिछले नौ दिन में पांच बाघ, बाघिन एवं बाघ शावकों की मौत हुई है।
पन्ना बाघ अभयारण्य के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने रविवार को बताया कि पन्ना बाघ अभयारण्य के गहरीघाट परिक्षेत्र के बीट कोनी में कोनी नाला में बाघिन पी 213 32 शनिवार को मृत पाई गई। उन्होंने कहा कि इस बाघिन के पैर में सूजन होने की जानकारी उन्हें 12 मई को मिली थी। जानकारी मिलने के दूसरे ही दिन से उसका इलाज शुरू करा दिया गया था।
अधिकारियों को नहीं पता मौत का कारण
शर्मा ने बताया कि वन्यप्राणी चिकित्सक ने 13 एवं 14 मई को बाघिन का उपचार किया। जिससे इस बाघिन के पैर की सूजन कम हुई तथा उसने लंगड़ाना भी बंद कर दिया। लेकिन अज्ञात कारणों के चलते शनिवार को उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बाघिन की मौत कैसे और किस बीमारी के कारण हुई। इस संबंध में अभी कुछ भी बता पाना संभव नहीं है।
जांच के बाद पता चलेगा मौत का सही कारण
शर्मा ने बताया कि मृत बाघिन के विसरा आदि के नमूने लिए गए हैं। जिसकी जांच उपरांत उसकी मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मौत का कारण प्रथम दृष्ट्या प्राकृतिक प्रतीत होता है। शर्मा ने बताया कि बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया गया है और बाघिन के शरीर में कहीं किसी भी प्रकार की चोट के निशान भी नहीं पाए गए।
इस बाघिन की मौत से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के बफर जोन में एक बाघ का शव क्षत.विक्षत हालत में मिला था। प्रदेश के बैतूल जिले में 11 मई को करीब एक साल के बाघ शावक का शव रेल की पटरियों के पास मिला था। कान्हा बाघ अभयारण्य के भैंसाघाट रेंज में आठ मई को 13 साल के एक बाघ का शव मिला था और सात मई को प्रदेश के बालाघाट जिले के वारासिवनी वन परियोजना अंतर्गत ग्राम खडगपुर अंसेरा के वन में नहर किनारे करीब डेढ़.दो साल का एक बाघ मृत पाया गया था।