डीसीपी को आई अंजान कॉल से भाई को 11 साल बाद मिली बहन, दिल कंपा देती है सुनीता यादव की कहानी…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। पूरे 11 साल तक रक्षा बंधन पर कलाई पर राखी न बंधे होने का दर्द झेल रहे एक भाई को जब बहन की खबर मिली तो उसकी आंखें खुशी के मारे छलछला पड़ीं। इस मिलन में सबसे अहम भूमिका कानपुर पुलिस की रही। जिसने सिर्फ एक नाम के सहारे भाई और बहन का मिलन कराया है। दो बच्चों और पति के साथ हंसते खेलते परिवार में रहने वाली सुनीता यादव की कहानी बहुत ही दर्दभरी है।
काकादेव पुलिस का सराहनीय प्रयास
कानपुर की काकादेव पुलिस ने वो कर दिखाया, जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। एक बहन की खबर भाई को देकर परिवार में दोबारा खुशियां भर दीं। शहर के शास्त्री नगर में रहने वाले कृष्ण कुमार को 11 साल बाद मंगलवार को जब काकादेव पुलिस ने उसकी बहन के जीवित होने की सूचना दी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बचपन से बहन पर सबसे ज्यादा प्यार लुटाने के बाद 11 साल तक हर रक्षाबंधन पर सूनी कलाई पर बहन के लिए आंसू बहाने वाले कृष्ण कुमार को उसकी खबर मिली तो अब आंखें खुशी से नम हो गईं।
महाराष्ट्र में की थी बहन की शादी
कृष्ण कुमार बताते हैं कि बचपन से बहन को बहुत प्यार दिया और बालिग होने पर उसकी शादी महाराष्ट्र के दुलिया निवासी युवक ब्रह्मानंद यादव की थी। उसे दो बच्चे भी हुए और वह परिवार के साथ खुश थी। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक सुनीता की मानिसक हालत बिगड़ने लगी और उसका इलाज भी कराया गया। शादी के चार साल बाद घर से निकली सुनीता भीड़ में कहीं गुम हो गई। बहनोई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। तलाश करते करते थक गए तो बहन के कभी मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी। रक्षाबंधन भाई दूज समेत हर त्योहार पर हर साल उसकी याद आती रही।