चंदौली: चकिया क्षेत्र के इस गांव का जवान हुआ शहीद…… पत्नी से किया यह वादा……बीजापुर घटना में,, नहीं रुक रहे हैं परिजनों के आंसू…… सूचना मिलते ही पहुंचे डीएम एसपी
Myशहाबगंज, (चंदौली) । पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार को नक्सलियों से लोहा लेते जिले के ठेकहां गांव निवासी सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में तैनात जवान धर्मदेव कुमार (34) शहीद हो गए। परिजनों को इसकी जानकारी रविवार की शाम मिली। इससे घर में कोहराम मच गया। शहीद के घर शोक संवेदना जताने वालों का तांता लग गया। वही देर रात को डीएम संजीव सिंह व एसपी अमित कुमार ने शहीद के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।
रामआसरे गुप्ता के तीन पुत्रों में धर्मदेव ज्येष्ठ थे। दूसरे पुत्र आनंद कुमार गुप्ता की गांव में किराने की दुकान है, जबकि तीसरे पुत्र धनंजय गुप्ता भी सीआरपीएफ में तैनात हैं। वर्ष 2012 में धर्मदेव का चयन सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन 210 में हुआ था। एक फरवरी को वह गांव आए थे। एक सप्ताह तक परिजनों के साथ समय बिताने के बाद ड्यूटी पर लौट गए। उन्होंने पत्नी मीना देवी से होली पर छुट्टी लेकर घर आने का वादा किया था।
स्वजनों के मुताबिक उनकी शादी रामनगर थाना क्षेत्र के मन्नापुर गांव निवासी मीना देवी के साथ 12 वर्ष पूर्व हुई थी। शहीद धर्मदेव की दो संतान हैं। ज्योति (11) कस्बे के एक निजी विद्यालय में पढ़ती है, जबकि दूसरी संतान साक्षी (4) घर में सभी की खुशियां बटोरती है। धर्मदेव की शहादत से पूरा गांव मर्माहत है। ग्रामीण इसके बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। लोगों को भरोसा ही नहीं हो रहा कि धर्मदेव अब दोबारा लौटकर उनके बीच नहीं आएगा। जानकारी होते ही स्वजनो में मचा कोहराम
परिजनों को तनिक भी सूचना नहीं थी कि नक्सलियों से लोहा लेने वाली टीम में धर्मदेव भी शामिल है। स्थानीय प्रशासन को जानकारी हुई तो रविवार की शाम पुलिस गांव में पहुंची। उस दौरान घटना से बेखबर परिवार के लोग रोजमर्रा के काम में जुटे थे। पत्नी छत पर थीं तो पिता व छोटा भाई दुकान पर थे। मां अपने कमरे में बैठी थीं। पुलिस कर्मियों ने पिता राम आसरे गुप्ता को बताया कि देश पर आपका लाल न्यौछावर हो गया। पिता को समझ में नहीं आया तो उन्होंने कहा क्या हुआ। जब यह जानकारी हुई कि उनका बेटा अब नहीं रहा तो फफक पड़े। घर वालों को सूचना दी तो मानों उन पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। सभी एक साथ रोने-बिलखने लगे। जानकारी होते ही अन्य ग्रामीण भी पहुंच गए। मृदुभाषी व सरल स्वभाव के थे धर्मदेव