Friday, April 26, 2024
उत्तर-प्रदेशगोरखपुर

जिस वर्ग का एक भी व्‍यक्ति, वह गांव भी हो गए आरिक्षत चुनाव को लेकर फंस गया पेंच….

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर। गोरखपुर जिले में अनुसूचित जनजाति एसटी के आरक्षण वाले छह गांवों एवं कुछ क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत वार्डों में चुनाव पर संशय बरकरार है। स्पष्ट मार्गदर्शन के लिए जिलाधिकारी की ओर से एक बार फिर अपर मुख्य सचिव एवं पंचायती राज निदेशक को पत्र लिखा जा रहा है। इन गांवों में तहसील प्रशासन के मुताबिक वर्तमान में कोई भी व्यक्ति एसटी वर्ग से नहीं हैए जिससे ये पद खाली रह रह सकते हैं।

2011 की जनगणना के आधार पर तय किया गया आरक्षण

जनगणना 2011 के आधार पर इन गांवों में आरक्षण तय किया गया है। जिले स्तर पर इसमें बदलाव नहीं हो सकता था। जिसके कारण वर्तमान में इस वर्ग की आबादी न होने के बावजूद पद आरक्षित करना पड़ा है। जनगणना के अनुसार जंगल कौडिय़ा में 689, कोल्हुआ में 61, गायघाट में 10, महुअलकोल में 89, चंवरिया बुजुर्ग में 345 व चंवरिया खुर्द में 132 लोग एसटी वर्ग के हैं। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद तहसीलों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि इन गांवों में एसटी की आबादी अब नहीं है।

तहसील की रिपोर्ट पर उठे सवाल

हालांकि एसटी वर्ग के कुछ लोगों ने तहसील की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जब 2015 में एसटी की आबादी थी तो अब कैसे नहीं हो सकती। वर्ष 2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जंगल कौडिय़ा ब्लाक में क्षेत्र पंचायत वार्ड नंबर 22 का पद इसी वर्ग के लिए आरक्षित था। पर यहां इस वर्ग का कोई व्यक्ति न होने से यह सीट खाली रह गई थी। जो पद खाली होते हैं वहां त्रिस्तरीय कमेटी गठित कर उसे वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार दिए जा सकते हैं।

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