गिरोह के सदस्यों की बात सुनकर चौंके पुलिस अफसर, बोले. फेविकोल से तैयार करते है आर्टिफिशियल फिंगर प्रिंट…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
बरेली। शाहजहांपुर में पकड़े गए गैंग ने जब आर्टिफिशियल फिंगर प्रिंट तैयार करने का तरीका पुलिस अफसरों को बताया तो वह भी हैरान रह गए। गैंग पन्नी और फेविकोल के जरिए आर्टिफिशियल फिंगर प्रिंट तैयार करता है। इसके बाद उन्होंने अन्य जानकारियां भी पुलिस को दी।
इस तरह तैयार करते फिंगर प्रिंट
आरोपितों ने बताया कि वे लोग बायोमैट्रिक मशीन पर प्लास्टिक रखते थे। ग्लू गन के जरिए प्लास्टिक पिघलाकर उस पर खाताधारकों के अंगूठे के चिह्न ले लेते थे। सूख जाने पर उसी चिह्न पर फेविकोल की परत डाल देते थे। तीन से चार दिन में फेविकोलसूख जाने पर उसे प्लास्टिक से अलग कर लेते थे। फेविकोल की हल्की सी परत पर अंगूठे के साफ निशान आ जाते थे। जिसके जरिए रुपये निकाल लेते थे।
सीधे.साधे लोगों को बनाते निशाना
बैंक मित्र होने के कारण इन लोगों को अपने.अपने गांवों में लोगों की स्थिति के बारे में पता था। ये लोग ऐसे लोगों को टारगेट करते थे जिनके खातों में सरकारी योजनाएं जैसे पेंशन, कन्या सुमंगला, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह, रानी लक्ष्मीबाई सम्मान निधि आदि का रुपया आना होता था। जो खाताधारक पढ़े लिखे नहीं होते थे या उनके खाते मोबाइल से जुड़े नहीं होते थे उनके अंगूठे का निशान, आधार व पासबुक अपने पास रख लेते थे। फिर यह कह देते थे कि रुपया अभी नहीं आया है। इसके बाद टरकाते रहते थे। जब कोई शिकायत करता तो उसे संबंधित कार्यालय जाने को कहते।
यह सामान हुआ बरामद
आरोपितों के पास से लैपटॉप, आधार कार्ड, बायोमैट्रिक थम्ब स्कैनर मशीन बरामद हुई है। इसके अलावा विभिन्न खाताधारकों की पासबुक, अंगूठे के निशान व मोहर, फोटो, पैन कार्ड, ग्लू गन, तमंचा व कारतूस आदि मिले हैं।
यह सीधे जनता से जुडा मामला है। जोन के सभी एसपी को निर्देशित कर रहा हूं कि अपने जिलों में थानेदारों को गांवों में भेजें। छोटे खाताधारकों के बारे में जानकारी जुटाएं। अगर किसी के साथ ऐसा हुआ है तो उसकी पूरी डिटेल लें। बैंक के अधिकारियों से संपर्क करें। संभावना है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा मंडल में कई जगह हो सकता है। ऐसे लोगों का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है। .
राजेश पांडेय आइजी बरेली जोन