Friday, April 19, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

इतने मार्च के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना, यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले मतदान…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही पंचायतों के आरक्षण का काम 15 मार्च तक पूरा कर राज्य निर्वाचन आयोग को ब्योरा उपलब्ध करा दे। लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना 22 मार्च से पहले जारी नहीं होगी। चुनावी अधिसूचना को हफ्ते भर टालने के पीछे योगी सरकार के 19 मार्च को पूरे हो रहे चार वर्ष के कार्यकाल के जश्न को आदर्श आचार संहिता की बाधा से बचाना है। ऐसे में आयोग की तैयारी होली से पहले 26 मार्च तक अधिसूचना जारी कर बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर 24 अप्रैल से पहले ही मतदान कराने की है। मतगणना 27 अप्रैल के आसपास होगी।

दरअसलए हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग को 30 अप्रैल से पहले पंचायत चुनाव कराने हैं। चूंकि पदों के आरक्षण के बिना चुनाव नहीं हो सकते, इसलिए आयोग को अब सरकार द्वारा आरक्षण के आदेश का इंतजार है। आरक्षण के लिए तय 15 मार्च की समय.सीमा तक उसकी प्रक्रिया तो पूरी हो जाएगी। लेकिन आयोग हफ्ते भर बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।

सूत्रों का कहना है कि 22 मार्च या उसके बाद ही अधिसूचना होगी। इसके पीछे का कारण योगी सरकार का चार वर्ष का कार्यकाल 19 मार्च को पूरा होना बताया जा रहा है। चूंकि अभी पंचायत चुनाव और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए सरकार अबकी चार वर्ष के कार्यकाल की तमाम उपलब्धियां बताने के लिए बड़े जश्न का आयोजन करने वाली है। ऐसे में वह नहीं चाहती कि तब तक चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो। उल्लेखनीय है कि आचार संहिता लागू होने पर सरकार न कोई नई घोषणा कर सकती है और ना ही कोई नया काम खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में शुरू कर सकती है।

मतगणना 27 अप्रैल तक जानकारों का कहना है कि सभी पहलुओं को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग भी अब 22 से 26 मार्च के बीच अधिसूचना जारी करने पर विचार कर रहा है। विदित हो कि 27.28 मार्च को होली है। गौर करने की बात यह है कि 24 अप्रैल से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इसलिए आयोग की पूरी कोशिश है कि उससे पहले ही मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। हालांकि, नतीजे 27 अप्रैल के आसपास ही आएंगे। चूंकि चुनाव कराने के लिए समय कम ही मिल रहा है। इसलिए आयोग, चारों पदों पर एक साथ तीन.चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। मतलब यह कि प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक ही साथ वोट डाले जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था व तकरीबन 11.5 लाख कर्मियों की आवश्यकता को देखते हुए बस यह तय होना है कि किसी चरण में एक ही जिले को चार चरणों में बांटकर एक हिस्से के सभी पदों का चुनाव हो या हर एक चरण में 18 मंडलों के एक चौथाई जिलों के सभी पदों के चुनाव कराए जाएं। गौरतलब है कि वर्ष 2000 में आयोग 37 दिनों में पंचायत चुनाव करा चुका है।

चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेगा आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग अगले सप्ताह वीडियो कान्फ्रेसिंग करेगा। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार आयोग के अन्य अधिकारियों के साथ मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों से पहली बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख का चुनाव मई में अप्रैल अंत तक ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराने के ठीक बाद राज्य निर्वाचन आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव कराएगा। वैसे तो इन पदों के चुनाव के लिए 21 दिन चाहिए होते हैं। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक आयोग की कोशिश रहेगी कि 15 मई तक दोनों पदों के लिए चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल जहां 13 जनवरी को खत्म हो चुका है। वहीं ब्लाक प्रमुखों का कार्यकाल 17 मार्च को खत्म होगा।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *