केंद्रीय बजट की तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बजट भी होगा पेपरलेस, पांच लाख रुपये की होगी बचत….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। केंद्रीय आम बजट की तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल सत्र से पहले सभी विधायकों को टैबलेट देने का निर्देश दिया है। बजट सामग्री की छपाई नहीं किए जाने से चार से पांच लाख रुपये बचत का अनुमान है। कागज का न्यूनतम प्रयोग होने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। मानसून सत्र की तरह इस बार भी कोरोना संक्रमण से बचाव प्रबंध होंगे। सदन की बैठक के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही कोविड जांच और थर्मल स्कैनिंग भी होगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी बजट सत्र 18 फरवरी से आरंभ होना है। इसे पेपरलेस किए जाने की तैयारी है। वर्ष 2021 में यह सदन की पहली बैठक होगी। इसके लिए मंडप के भीतर सफाई व मरम्मत कार्य जारी है। बैठक में बिना जांच किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। सीटिंग प्लान में एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। दर्शक दीर्घा में भी सदस्यों को बैठाया जाएगा। सभी सदस्यों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सांसदों व पूर्व विधायकों के पास स्थगित करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं विधायकों से भी अपने सहयोगियों को नहीं लेकर आने को कहा जाएगा। थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी होगी। कर्मचारियों की जांच भी कराई जाएगी।
बता दें कि केंद्रीय बजट से प्रेरणा लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी कैबिनेट की कार्यवाही को पेपरलेस करने जा रही है। ई.कैबिनेट व्यवस्था के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सभी मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया। सरकारी विभागों की ज्यादा से ज्यादा सेवाओं को आनलाइन कर दिया गया है। सरकार का जोर ई.गवर्नेंस और ई.ऑफिस व्यवस्था पर ही है। कोरोना काल में वर्चुअल बैठकों का एक रास्ता मजबूरी ने दिखाया तो अब सरकार तकनीक के साथ ही आगे बढ़ाने के लिए कमर कस चुकी है। शुरुआत ई.कैबिनेट से की जा रही है।