पूर्वांचल में दिखने लगा पंचायत चुनाव का असर, जनप्रतिनिधियों के मददगारों पर पुलिस की नजर…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। पुलिस एक्शन पर पंचायत चुनाव का असर दिखने लगा है। माफिया पृष्ठभूमि के जनप्रतिनिधियों के मददगारों पर पुलिस की नजर लगी हुई है। इन पर आने वाले दिनों में शिकंजा और कसा जाएगा। निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण शर्मा ने इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए थे। साफ कहा था कि अगर पुलिस सतर्क नहीं रही तो पंचायत चुनाव में घटनाएं हो सकती हैैं। एडीजी के इस बयान को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। इसका असर भी पुलिस कार्रवाई में दिखने लगा है।
पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के मद्देनजर वाराणसी के साथ ही चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर सभी जिले संवेदनशील माने जा रहे हैैं। वाराणसी, चंदौली में एमएलसी बृजेश सिंह का खासा प्रभाव है। वाराणसी जिला पंचायत पर लंबे समय से उसका ही परिवार काबिज है। पहले पुत्रवधू किरण सिंह पंचायत अध्यक्ष थीं। इस पद पर बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का भी कब्जा था। चंदौली में भी बृजेश के परिवार का खासा दबदबा है।
गाजीपुर मुख्तार अंसारी के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता है। जौनपुर में अंतर परिक्षेत्रीय गैैंग लीडर के रूप में पंजीकृत धनंजय सिंह के साथ ही माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के परिवार का खासा दबदबा है। सूत्रों की मानें तो इन परिवारों ने इस बार भी पंचायत चुनाव में हनक दिखाने के मंसूबे बांध रखे हैैं। इसकी तैयारियां भी गुपचुप ढंग से चल रही हैैं। इसकी भनक शासन को भी लग चुकी है। इसे काफी गंभीरता से लिया गया है। इसका ही नतीजा है कि इनके मददगारों पर कार्रवाई की खुली छूट पुलिस को मिल गई है।
पंचायत चुनाव में गडबडी करने वालों व पूर्व में चुनावों में जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। जिला पुलिस की ओर से उनकी निगरानी कराई जा रही है। पुलिस ने हाल के दिनों में मुख्तार अंसारी के मददगारों की भी खूब लानत.मलामत की है। ताकि वे सिर उठाने की हिम्मत न करें। फिलहाल यह क्रम रुका है लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो शीघ्र ही इसमें फिर तेजी आएगी। निर्वाचन को प्रभावित करने वालों अपराधियों पर और शिकंजा कसेगा। माफिया पृष्ठभूमि के जनप्रतिनिधियों के मददगारों पर पुलिस की नजर लगी है।