अंधेरगर्दी: बिना नियुक्ति खजांची बना दसवीं फेल चपरासी, 35 साल तक की नौकरी, दोषी मिलने पर भी दो वर्ष की जॉब…..
मेरठ। इसे सिस्टम की अंधेरगर्दी नहीं तो और क्या कहेंगे कि बिना नियुक्ति के ही कोषागार में 35 साल तक नौकरी करने वाले मुख्य रोकड़िया सुशील कुमार को जांच में दो साल पहले ही दोषी ठहरा दिया गया था। तत्कालीन डीएम मुजफ्फरनगर ने निदेशक कोषागार को पत्र लिखकर सुशील कुमार की सेवा समाप्त करने की संस्तुति की थी। दोषी पाए जाने के बावजूद वह मेरठ कोषागार में दो साल और नौकरी करता रहा। अब जाकर सुशील को निदेशक कोषागार एवं पेंशन नील रतन कुमार ने बर्खास्त किया है।
मुजफ्फरनगर की रामपुरम कॉलोनी के जय प्रकाश और मुजफ्फरनगर कोषागार में डिप्टी कैशियर शिवकुमार वर्मा की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई।
अनियमित नियुक्ति की शुरुआती स्तर पर जांच के आधार पर ही सितंबर-2022 में मुजफ्फरनगर के तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने मुख्य रोकड़िया सुशील कुमार को सेवा से निष्कासन के लिए निदेशक कोषागार लखनऊ को पत्र लिखा था। इसके बाद भी अब दो साल तक आरोपी सेवा में रहा।