Monday, May 6, 2024
उत्तर-प्रदेशनई दिल्ली

वोटिंग से पहले ही बीजेपी ने जीत ली ये लोकसभा सीट, पढ़ें क्या है इसके पीछे का कारण…….

सूरत। Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आने है, लेकिन इससे पहले ही भाजपा ने एक सीट जीत ली है। वोटिंग से पहले ही इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। दरअसल, गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा को ये जीत मिली है।

बसपा प्रत्याशी ने उम्मीदवारी वापस ली

पिछले दो-तीन दिनों से सूरत लोकसभा सीट पर हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी के फॉर्म को लेकर बीजेपी की ओर से आपत्ति दर्ज करायी गयी थी। कल रविवार को सुनवाई हुई और कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा अमान्य कर रद्द कर दिया गया।

आज फॉर्म वापस लेने की प्रक्रिया के दौरान बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है, इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा दोपहर 3 बजे के आसपास की जाएगी।

बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए

सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का फॉर्म रद्द होने के बाद कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें से निर्दलीय समेत 7 उम्मीदवारों ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है। अब केवल एक ही उम्मीदवार बचा था। इस बीएसपी उम्मीदवार प्यारेलाल ने सूरत कलेक्टोरेट पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया है। बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नहीं होगा और ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है।

इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में सूरत देश की पहली निर्विरोध सीट बन गई है।

बसपा प्रत्याशी ने मांगी सुरक्षा

हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी के सूरत जिला अध्यक्ष सुतीश सोनवणे ने जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी को आवेदन दिया कि प्यारेलाल भारती को प्रलोभन दिया जा रहा है।

ये था कांग्रेस प्रत्याशी का विवाद

भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने फॉर्म के सत्यापन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुम्भानी के फॉर्म को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि मुझे जानकारी है कि कांग्रेस प्रत्याशी के प्रस्तावक कोई नहीं हैं। इसकी जानकारी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव एजेंट फिजिक कोल्डी को दी गयी।

सुनवाई कल हुई और कांग्रेस उम्मीदवार के फॉर्म पर प्रस्ताव के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले जगदीश सावलिया, रमेश पोलारा और ध्रुविन धमेलिया चुनाव अधिकारी के सामने पेश हुए और कहा कि उन्होंने फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और एक हलफनामा भी दाखिल किया है। इसके बाद इसपर सुनवाई हुई और बाद में चुनाव अधिकारी ने उनका पर्चा रद्द कर दिया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *