Friday, May 3, 2024
नई दिल्ली

डेढ़ साल की बच्ची को लावारिस कुत्तों ने नोचकर मार डाला, डीजे के शोर में दब गई चीखने-चिल्लाने की आवाज

नई दिल्ली। तुगलक रोड इलाके में तीन-चार लावारिस कुत्तों ने एक डेढ़ साल की बच्ची को नोच डाला। जब तक लोग उसे बचा पाते, तब तक बच्ची बुरी तरह घायल हो चुकी थी। परिवार वाले उसे पास के अस्पताल में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच कर रही है। बच्ची की पहचान दीवांशी के रूप में हुई है।

मृत डेढ़ साल की बच्ची दीवांशी अपने परिवार के साथ तुगलक लेन के चमन घाट इलाके में रहती थी। उसके पिता राहुल कपड़े में प्रेस करने का काम करते हैं। उनके परिचित विवेक कुमार ने बताया कि इलाके में काफी कुत्ते घूमते रहते हैं। इन्हें एक महिला खाना देने आती है। रात में कुत्ते राहुल के घर के आस पास घूम रहे थे। परिवार वाले रात में खाना खाकर निकले। उनलोगों ने बच्ची को नहीं देखा। काफी तलाश करने के बाद बच्ची घर से कुछ दूर लहूलुहान हालत में मिली। उसके शरीर को तीन कुत्ते चबा रहे थे।

स्थानीय लोगों ने बताया कि घटनास्थल के पास डीजे बज रहा था। इसके शोर में बच्ची की चीख किसी ने नहीं सुनी। लोगों ने किसी तरह बच्ची को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया। घटना के बाद वहां काफी लोगों का जमावड़ा लग गया। इसी बीच किसी ने घटना की जानकारी पुलिस को दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत करवाया और बच्ची को लेकर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना से इलाके में काफी रोष है।

कुत्तों के काटने की बढ़ती समस्या पर वेबसाइट लांच

लावारिस कुत्तों के काटने की समस्या पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने एक वेबसाइट  www.dogproblem.in लांच की। यह एक नया डिजिटल मंच है, जिसके माध्यम से पीड़ित इस अभियान से जुड़ सकेंगे। वेबसाइट एक सार्वजनिक मंच होगा जो लावारिस कुत्तों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने, उनसे होने वाले समस्याओं को समझने और समाधान प्रस्तुत करने वाला प्लेटफार्म बनेगा।

आरडब्ल्यूए भी इस मुद्दे पर एकजुट होंगे।  दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में वेबसाइट लांच करने के दौरान विजय गोयल ने कहा कि लावारिस कुत्तों की बढ़ती समस्या के खिलाफ एक देशव्यापी मुहिम की आवश्यकता है। समस्या कुत्तों से नहीं है, बल्कि समस्या उनकी बढ़ती हुई संख्या और उनके काटने की प्रवृत्ति से है, जो कि करोड़ों में है। एक अनुमान के अनुसार देश में 8 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को हर साल कुत्ते काटते हैं।

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