भाजपा ने लगाया फाइनल गियर!, क्लीन स्वीप के टारगेट के लिए पश्चिमी यूपी की हारी सीटों पर इस तारीख तक प्रत्याशी उतारेगी पार्टी
मेरठ। सालभर चुनावी मोड में रहने वाली भाजपा ने फाइनल गियर लगा दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम क्षेत्र की 14 में से सात सीटें गंवाने के बाद पार्टी ने रणनीति में बदलाव किया है।
पार्टी ने जहां रालोद सुप्रीमो जयन्त चौधरी से हाथ मिलाया है, वहीं हारी सीटों पर 10 मार्च तक प्रत्याशियों की घोषणा कर विरोधी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाएगी। पार्टी का लक्ष्य 2014 की तरह क्लीन स्वीप करने का है।
मुश्किल सीटों पर कठिन परिश्रम
2014 में पश्चिम की सभी 14 सीटों पर कमल खिला, जबकि 2019 में सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन की वजह से भाजपा सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, संभल, अमरोहा, रामपुर एवं मुरादाबाद हार गई। मेरठ और मुजफ्फरनगर में नजदीकी मुकाबले में कमल खिला।
पार्टी ने भेजे हैं बड़े नेता
2022 सपा और रालोद ने मिलकर विधानसभा लड़ा, जहां मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ में भाजपा को नुकसान हुआ। इसी बीच भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनावों में 10 साल पुराना प्रदर्शन दोहराने की तैयारी शुरू करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को सहारनपुर, नगीना और बिजनौर में पार्टी की जमीन बनाने के लिए उतार दिया, वहीं संभल, अमरोहा और मुरादाबाद में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, जितेंद्र सिंह समेत अन्य का दौरा हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम उत्तर प्रदेश पर प्रभार स्वयं लिया। रामपुर में लोकसभा एवं विधानसभा उपचुनाव में कमल खिलने के बाद भाजपा को मनोवैज्ञानिक ताकत मिली, जिसे पार्टी लोकसभा चुनाव तक बढ़ाकर रखेगी।