Thursday, May 9, 2024
उत्तर-प्रदेशचंदौली

चकिया में जैसे ही आगे बढ़े वैसे ही पुलिस व पीएसी के जवानों ने रोका……..तब भी नहीं माने, बढ़ते रहे आगे, गांधी पार्क पहुंचकर….. भारत बंद पर हुआ

चकिया, चंदौली। पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

●कॉर्पोरेट परस्त नीतियों से किसान तवाह हो रहें हैं

राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में भारी पुलिस व पीएसी लगाकर रोकने के बाद भी जुलूस बाजार में निकली व गांधी पार्क में सभा हुई

किसानों को मारने पर तुली हैं मोदी जी की सरकार

 

 C2+50% के एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद का कानूनी अधिकार प्रदान करना, सभी किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए ऋण माफी, केसीसी ऋण की तरह माइक्रोफाइनेंस ऋण की ब्याज दरों को 4% तक कम करना, प्री-पेड मीटर पर रोक और सभी घरों और दुकानों के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सभी योजनाओं के कर्मियों, आशा, आंगनबाड़ियों, स्कूल के रसोइयों सहित अन्य को सरकार की ओर से 26,000 रुपये का वेतन दिया जाए की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ग्रामीण हड़ताल और बंद के आह्वान किया गया था !

 आयोजित राष्ट्रीय हड़ताल के आवाहन पर पुलिस की भारी रोक के बाबजूद काली जी पोखरे से जुलूस निकाला व गांधी पार्क में आकर सभा की

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कारपोरेट हितैषी नीतियों से आम जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में लोगों की जिंदगी की हिफाजत के लिए इन नीतियों में बदलाव बेहद जरूरी है। कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्ट्रोरल ब्रांड को असंवैधानिक बताने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अनायास नहीं है कि इलेक्ट्रोरल ब्रांड के माध्यम से कारपोरेट चंदे का 84% हिस्सा अकेले भारतीय जनता पार्टी को मिला है। इससे साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार कारपोरेट की एजेंट बनी हुई है और जनविरोधी नीतियों को बढ़-चढ़कर लागू करने में लगी हुई है। लेबर कोड, किसान विरोधी तीन कृषि कानून को लागू करने की कोशिश, आश्वासन के बावजूद एमएसपी पर कानून बनाने से इंकार करना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार में 10 लाख नौकरी देने की घोषणा भी महज प्रोपेगैंडा ही साबित हुई। देश भर में एक करोड़ सरकारी पद खाली है जिन्हें भरने का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध किसानों और मजदूरों की एकजुटता देश को तानाशाही के रास्ते पर बढ़ने से रोकने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए के बेहद महत्वपूर्ण है। 

वक्ताओं ने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने की चाहे जितनी बड़ी-बड़ी बातें मोदी सरकार करे लेकिन सच्चाई यह है कि कॉरर्पोरेट मुनाफे का उसका आर्थिक विकास का रास्ता फेल हो गया है। देश की कुल जीडीपी के बराबर कर्ज हो गया है। देश में हर तबका गंभीर संकटों के दौर से गुजर रहा है। मोदी जी गरीब, किसान, महिला और युवा के विकास की बातें कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि विकास, महिला कल्याण, एससी- एसटी सब प्लान जैसे जनउपयोगी मदों में बजट में बड़े पैमाने पर कटौती कर दी है।

वक्ताओं ने कहा कि महंगाई में मजदूरों को अपने परिवार का भरण पोषण करना कठिन होता जा रहा है।

सभा व जुलूस में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता व अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष परमानंद कुशवाहा , मजदूर किसान मंच के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय , किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध सिंह ,खेत मजदूर यूनियन के शिवमुरत राम ,जयनाथ , नंदलाल , किसान नेता सरोज यादव , रामचंद्र यादव , सहित कई नेताओं ने सम्बोधित किया अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी रामनिवास पाण्डेय व संचालन लालचंद ने किया !*

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *