एक परिवार के पांच सदस्यों ने तोड़ा दम, नहीं मिला किसी योजना का लाभ…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। रोजी.रोटी की तलाश में करीब 15 साल पहले गगहा के रावतपार में आये एक व्यक्ति का परिवार कुपोषण का शिकार हो गया। पिछले करीब डेढ़ साल में इलाज के अभाव में इस परिवार के सात में से पांच सदस्य दम तोड़ चुके हैं। बचे दो मासूम बच्चे दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आसपास के लोगों की दया पर उनका जीवन चल रहा है। इतने दिनों में इस परिवार तक न तो कोई सामाजिक संगठन पहुंचा और न ही सरकार की किसी योजना का लाभ इन्हें मिला।
निराश्रित बचे हैं दो भाई, दो जून की रोटी के लिए कर रहे संघर्ष
इस परिवार की कहानी सुनकर किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाएगा। रोजी.रोटी की तलाश में परिवार लेकर सिकरीगंज क्षेत्र से रावतपार आने वाले बवाली को उम्मीद थी कि उसके दुख भरे दिन कट जाएंगे। यहां आकर वह पल्लेदारी करने लगा। खूब हाड़तोड़ मेहनत की। पास में ही एक कमरा भी किराए पर ले लिया था। परिवार का पालन.पोषण अच्छे से हो रहा था लेकिन कोरोना संक्रमण काल में मजदूरी न के बराबर मिली। ऐसे में परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया। सबसे पहले पत्नी कमजोर हुई और बीमारी की चपेट में आ गई। उचित इलाज न मिलने से दम तोड़ दिया।
दुर्भाग्य का सिलसिला शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं ले रहा। मां की मृत्यु के कुछ समय बाद ही बड़े बेटे व बहन की भी मृत्यु हो गई। करीब दो महीने पहले बवाली की तबीयत भी खराब हुई और उनकी भी मृत्यु हो गई। इसके बाद बचे तीन भाई जीवन के लिए संघर्ष करने लगे। पिता का व्यवहार अच्छा था तो मकान मालिक ने मकान खाली नहीं कराया। आसपास के लोग जो दे देते थे, बच्चे खा लेते थे। बचे तीन बच्चों में से बड़े भाई की उम्र करीब 12 साल थी। उससे छोटे दो और भाई हैं।