Wednesday, May 15, 2024
बिहार

मुख्यमंत्री के आदेश का सीओ उड़ा रहे धज्जियां, वरीय अधिकारियों के आदेश भी नहीं मानते अधिकारी

नालंदा। Nalanda News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राज्य में भूमि विवाद को खत्म कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं लेकिन उनके ही गृह जिला नालंदा में अधिकारियों द्वारा इसकी धज्जियां उड़ायी जा रही है। राजगीर अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय के आदेश के बावजूद गिरियक के अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष उसपर अमल नहीं कर रहे हैं। यह मामला गिरियक प्रखंड के प्यारेपुर का है।

गिरियक थाना क्षेत्र के पावापुरी ओपी के अंतर्गत प्यारेपुर निवासी दिनेश प्रसाद सिंह और अनिल प्रसाद सिंह ने सरकारी आम गैरमजरुआ जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला पदाधिकारी सहित द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के कार्यालय में आवेदन दिया था।

अतिक्रमण वाद संख्या 01/2022-23 के तहत दर्ज उक्त मामले में जांच के बाद शिकायत सही पाये जाने पर राजगीर के अनुमंडल दंडाधिकारी ने गिरियक के अंचलाधिकारी सोनम राज एवं संबंधित पुलिस अधिकारी को पर्याप्त बल के सहयोग से प्यारेपुर मौजा के खसरा संख्या 443, 65, 66, 67 एवं 80 से सरकारी आम गैरमजरुआ जमीन को मुक्त कराने का आदेश दिया।

आदेश के आलोक में अतिक्रमण हटाने के लिए 31 जनवरी 2024 की तारीख निर्धारित की गयी। निर्धारित समय-सीमा बीत जाने के बावजूद गिरियक के अंचलाधिकारी द्वारा इस सम्बंध में आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गयी जिससे व्यथित अनिल प्रसाद सिंह और दिनेश प्रसाद सिंह ने जिला दंडाधिकारी को लिखित आवेदन देकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।

उल्लेखनीय है कि प्यारेपुर में झंडा चौक से कोयरी बीघा सकरी पुल तक की उक्त जमीन को गिरियक सीओ ने 13 जनवरी को सूचित किया गया है कि प्यारेपुर मौजा, थाना नं0- 341, खेसरा-443, 65 एवं 66 में अतिक्रमण वाद सं0-01/2022-23 में राजस्व कर्मचारी ने स्थलीय जांच कर प्रतिवेदित किया है कि उक्त जमीन को 13 अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है और इसपर पक्का मकान बना हुआ है।

अनुमंडलाधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से दो पुलिस पदाधिकारी, चार दण्डाधिकारी के साथ 30 पुरूष एवं 20 महिला बलों की प्रतिनियुक्ति किया था। गिरियक के अंचलाधिकारी सोनम राज के नेतृत्व में प्रखण्ड पंचायतीराज पदाधिकारी सीमा खातुन, प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी आदित्य कुमार, प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी उमाकान्त एवं राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक सुधीर कुमार को दण्डाधिकारी के रूप में नामित किया।

आश्चर्य की बात है कि इस आदेश के बावजूद अनुमंडल दंडाधिकारी के निर्देश को भी न तो गिरियक के अंचलाधिकारी ने अहमियत दी और न ही सम्बंधित पुलिस पदाधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई की।

इधर इस संबंध में जब अंचलधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि हमारा स्थानांतरण 26 जनवरी को गया। इस लिए इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। यदि मैं रहती तो जरूर अतिक्रमण हटाने का काम किया जाता। बहरहाल जो भी हो फिलहाल वह अभी नए अधिकारी को पदभार नहीं दिए हैं और गिरियक अंचल कार्यालय में रहकर अन्य कार्यों का निष्पादन करने का काम कर रही हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *