Tuesday, May 14, 2024
नई दिल्ली

नहीं हो रही है शादी तो इस मंदिर की बुधवार को करें परिक्रमा, हो जाएगी ‘चट मंगनी पट ब्याह’

नागौर : नागौर जिले का इतिहास काफी प्राचीन बताया जाता है. नागौर को प्राचीन नाम अहिच्छत्रपुर नाम से जाना जाता था. इसका जिक्र महाभारत काल से होता आ रहा है. यहां पर अनेकों मंदिर बने हुए हैं जो अलग अलग मान्यताओं से जाने जाते हैं. ऐसे ही नागौर शहर मे भगवान गणेश का मंदिर बना हुआ है जिसे गणेश बावड़ी के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर लगभग 400 वर्ष प्राचीन बताया जा रहा है. 400 वर्ष पूर्व बावड़ी की खुदाई के दौरान गणेश जी की मूर्ति प्रकट हुई स्थानीय लोगों ने उस मूर्ति को एक चबूतरे पर स्थापित किया.

मंदिर के पुजारी सुनील मिश्रा बताते हैं कि यहां पर ऐसी मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति के शादी से सबंधित समस्या आ रही है तो वह शख्स यहां पर बुधवार को परिक्रमा देने से इस समस्या से निवारण पा सकता है. इसके अलावा यह भी बताया कि शादी की समस्या के अलावा यदि किसी दंपती को संतान नही हो रही है तो वह यहां पर परिक्रमा देकर संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं. पुजारी का कहना है कि भक्त के मन में भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए. वहीं नियमित बुधवार को ध्रुवा व मूंग चढ़ाने से शादी से सबंधित समस्या का निवारण होगा.

बावड़ी बनाने के दौरान निकली मूर्ति
प्राचीन काल में नागौर के किले से कुछ दूरी पर खनन क्षेत्र का कार्य किया जाता था जिसमें लाल पत्थर निकलता था बड़ी संख्या में यहां मजदूर काम करने आते थे और मजदूरों के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए बावड़ी बनाने काम शुरू हुआ तभी जमीन से भगवान सिद्धिविनायक की मूर्ति प्राप्त हुई

विलुप्त हो चुकी बावड़ी
1975 में आई बाढ़ के कारण पुरा मंदिर व बावड़ी पानी में डूब गई लेकिन बावड़ी विलुप्त हो गई. इसे प्रशासन की उदासीनता का एक कारण मान सकते हैं लेकिन गणेश जी की मूर्ति कहीं से भी खंडित नहीं हुई.

नागौर में एकमात्र ऋण मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर गणेश बावड़ी में स्थित है. यहां की यह मान्यता है कि शिवजी की नियमित पूजा करने वाले व्यक्ति को आर्थिक रूप से छुटकारा मिलता है.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *