Friday, April 25, 2025
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

वाराणसी में पांच हजार वेंडर्स 5 करोड़ का लोन लेकर लापता, अब आधार के जरिए ढूंढे जाएंगे लोग

वाराणसी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत 5 करोड़ रुपये ऋण लेकर 5 हजार वेंडर्स लापता हो गए हैं। इन सबको 10-10 हजार रुपये का ऋण मिला है। अब वेंडर्स के मोबाइल और आधार नंबर की मदद से तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं।

कोरोना काल में काम छूटने के बाद लोगों की चुनौतियां बढ़ गई थीं। इसी बीच सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना लॉन्च की और वेंडर्स के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का फैसला किया। जिले के 46,200 वेंडर्स को ऋण भी दिया। 5 हजार लोग ऐसे रहे, जिन्होंने ऋण लिया और ठेला, खोमचा लगाकर चाय, पान की दुकानें कीं। बाद में दुकान बंद करके दूसरे शहरों में काम करने चले गए। इन सबने ऋण का भुगतान नहीं किया। इससे बैंक प्रबंधन के साथ ही प्रशासनिक अफसरों की चुनौती बढ़ गई है। ऋण लेने वाले ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं, जिनका पता अस्थायी मिला है।

योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवसाय शुरू करने और उसे बढ़ाने के लिए बिना किसी गारंटी के लिए पूंजी ऋण उपलब्ध कराया गया। पहली किस्त 10 हजार रुपये दी गई। दूसरी किस्त 20 हजार और तीसरी 50 हजार रुपये जानी है। शर्त है कि पहली किस्त समय से जमा करने पर दूसरी किस्त के रूप में 20 हजार रुपये का ऋण दिया जाएगा। इसे भी समय से जमा करने पर तीसरी बार 50 हजार रुपये का ऋण दिया जाना है। वेंडर्स को सात प्रतिशत की दर से ब्याज में सब्सिडी दी जाती है। पहली किस्त को जमा करने की अधिकतम सीमा 12 महीने, दूसरी के लिए 18 महीना और तीसरी के लिए 36 महीने का निर्धारण किया गया है।

शशि को मिल चुकी है शाबाशी
जवाहर मार्केट इंग्लिशिया लाइन के चाट विक्रेता शशि कुमार गुप्ता को पीएम स्वनिधि का ऋण समय से जमा करने पर दिल्ली के फूड एक्सपो में बुलाया गया था। जहां केंंद्र सरकार की तरफ से उन्हें शाबासी दी गई थी।

सिविल अच्छी होने पर दोबारा ऋण लेना आसान
योजना में समय से ऋण जमा करने वाले वेंडर्स की सिविल अच्छी होती है। इस आधार पर आगे ऋण लेने में आसानी होती है। जो लोग ऋण जमा नहीं करते तो उनकी सिविल खराब हो जाती है और भविष्य में ऋण नहीं मिलता है।

क्या कहते हैं अदिकारी
पीएम स्वनिधि के तहत लोन लेने वाले 5 हजार वेंडर्स यहां से जा चुके हैं। वसूली के लिए पोर्टल पर डाटा फीड किया जा रहा है। उनके मोबाइल नंबर और आधार नंबर हैं। इनकी मदद से ऋण की धनराशि वापस ली जाएगी।
-निधि वाजपेयी, परियोजना अधिकारी डूडा

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