नए साल में सरकारी अधिकारियों को बड़ा झटका, सैकड़ों अफसरों के वेतन पर लगी रोक! सामने आई ये वजह
पटना। सरकारी कामकाज में सुस्ती के कारण बिहार राजस्व सेवा के सैकड़ों अधिकारी नए साल में बिना वेतन के प्रवेश करेंगे। विभाग ने बार-बार जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा था कि इस सेवा के सभी अधिकारियों की अद्यतन मूल सेवा पुस्तिका मुख्यालय में जमा करा दें। 15 दिसंबर की तिथि को अंतिम बताया गया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में दो टूक कह दिया गया था- ऐसे अधिकारी जिनकी अद्यतन सेवा पुस्तिका मुख्यालय में जमा नहीं होगी, दिसंबर से सेवा पुस्तिका जमा होने के दिन तक के वेतन का भुगतान नहीं होगा।
समय सीमा समाप्त होने के बाद विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर ने गुरुवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर अबतक सेवा पुस्तिका जमा न करने को खेदजनक कहा है। इस पत्र में भी वेतन बंद करने का उल्लेख है। पत्र के मुताबिक अबतक कुल 12 जिलों ने मुख्यालय के निर्देश का पालन किया।अपने जिले में तैनात इस सेवा के अधिकारियों की सेवा पुस्तिका मुख्यालय में जमा करा दी।
सिर्फ 12 जिलों के रेवेन्यू अधिकारियों को मिलेगा वेतन
ये जिले हैं- शेखपुरा, पूर्वी चंपारण, अरवल, सहरसा, जमुई, गया, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, कैमूर, सिवान एवं वैशाली। मुंगेर, सीतामढ़ी एवं अररिया ऐसे जिले हैं, जहां से किसी अधिकारी की सेवा पुस्तिका विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई। बाकी जिलों अपने जिले के कुछ अधिकारियों की सेवा पुस्तिका उपलब्ध कराई। कुल मिलाकर दिसंबर में सिर्फ 12 जिलों में तैनात राजस्व सेवा के सभी अधिकारियों को वेतन मिल पाएगा।
मुंगेर, सीतामढ़ी और अररिया जिलों में तैनात इस सेवा के अधिकारी वेतन से वंचित रहेंगे। जबकि शेष 23 जिलों के अधिकारियों को छिटपुट वेतन मिलेगा। अद्यतन सेवा पुस्तिका में किसी अधिकारी के विरूद्ध की गई दंडात्मक कार्रवाई का भी विवरण रहता है। इससे जानकारी मिलती है कि किसी अधिकारी के विरूद्ध कब विभागीय कार्यवाही हुई। कब समापन हुआ और उसका परिणाम क्या निकला। पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारी किसी प्राधिकृत दूूत से सेवा पुस्तिका भिजवा दें। ताकि बड़े पैमाने पर वेतन रोकने की कार्रवाई न करनी पड़े।