किसान की मौत पर राजनीति…..भाजपा विधायक से सपा जिलाध्यक्ष की तकरार, हंगामा……
बरेली। भमोरा थाना क्षेत्र के गांव आलमपुर में किसान संतोष शर्मा के शव के अंतिम संस्कार से पहले सपा जिलाध्यक्ष ने गांव पहुंचकर माहौल गरमा दिया। ग्रामीणों को समझा रहे बिथरी विधायक को उन्होंने निशाने पर ले लिया और पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी व अफसरों को बुलाने का शिगूफा छोड़ दिया। मारपीट की नौबत आने पर ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ दिया।
भाजपा विधायक राघवेंद्र शर्मा गांव जाकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दे रहे थे। तभी सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप भी वहां पहुंच गए। ग्रामीणों के मुताबिक, सपा जिलाध्यक्ष कहने लगे कि दोषियों की गिरफ्तारी के बिना अंतिम संस्कार न किया जाए। ऐसा करना भी पड़े तो एसएसपी या एसपी देहात को बुलाकर आश्वासन ले लिया जाए, तभी परिवार को मुआवजा मिल सकेगा।
सपा जिलाध्यक्ष ने विधायक को देखकर कोई टिप्पणी की और उनकी ओर तेजी से बढ़े। विधायक ने कहा कि आप यहां राजनीति न करें। इसके बाद दोनों नेताओं में बहस हो गई और गहमागहमी बढ़ गई। तकरार मारपीट में बदल सकती थी। पर ग्रामीण दोनों के बीच में आ गए। इसके बाद ग्रामीणों ने सपा जिलाध्यक्ष को वहां से खदेड़ दिया।
लाश पर राजनीति सही नहीं
बिथरी चैनपुर के विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि लोग लाश पर राजनीति न करें। अंत्येष्टि के समय तक मैं रामगंगा पर ही मौजूद रहा। मैं पीड़ित परिवार के साथ हर समय खड़ा हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट तक न्याय दिलवाने के लिए वचनबद्ध हूं।
एसपी देहात को बुलाने की कही थी बात
सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप ने कहा कि मैं पीड़ित परिवार से मिलने घर जा रहा था। पता चला कि वह रामगंगा पहुंच गए हैं। मैं वहां पहुंचा तो परिजन घटना के बारे बताने लगे। उनसे कहा कि सपी देहात को बुलाकर पूछो कि गिरफ्तारी कब होगी।
परिजन ने फोन लगाया तो एसपी देहात ने बताया कि किसी को भेज रहे हैं। इस बीच बिथरी विधायक आ गए और अंत्येष्टि कराने की कहने लगे। तब मैंने विधायक से किसी सक्षम अधिकारी को बुलवाने की कहा। इस पर विधायक राजनीति न करने की नसीहत देने लगे। लोगों ने मुझे अलग कर दिया तो मैं वहां से हट गया। अलग करने वाले लोग भी हमारे ही थे।