बुलंद हौसलों की उड़ानः अब यहां के होमगार्ड का बेटा एशिया कप में दिखाएगा दम, चुनौतियों भरी संघर्ष की कहानी….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। जब परिवार में दो जून की रोटी और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी आर्थिक संकट हो तो कोई मां.बाप शायद अपने बच्चे को खिलाड़ी बनाने के बारे में नहीं सोचेगा। लेकिन लखनऊ के एक होमगार्ड पिता ने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के दम पर अपने बेटे को अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बनाकर ऐसे लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो विपरीत परिस्थिति का बहाना बनाकर बीच सफर में ही अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। हम बात लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी शारदानंद तिवारी के बारे में बात कर रहे हैं जो इन दिनों साई सेंटर लखनऊ में आगामी एशिया कप के लिए पसीना बहा रहे हैं।
दैनिक जागरण से खास बातचीत में जूनियर भारतीय टीम के डिफेंडर शारदानंद तिवारी बताते हैं। वर्ष 2014 की बात है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में एक मैच देखने गया था। तब मुझे यह नहीं पता था कि कभी हॉकी खिलाड़ी बनूंगा। परिवार में पैसे की दिक्कत रहती थी। लेकिन, मन शांत नहीं हुआ तो पिता जी से बात की। हालांकि हिचकते हुए उन्होंने तैयारी करने की अनुमति दे दी। शारदानंद बताते हैं, पिता जी का हिचकना स्वाभाविक था। क्योंकि वह चाहते थे कि मैं पढ़कर जल्द ही कोई नौकरी पा जाऊं। कुछ समय तक मैंने केडी सिंह बाबू सोसायटी में ट्रेनिंग की। यहां मेरे खेल को देखकर लोगों ने तारीफ की। इससे मेरा मनोबल बढ़ा।