Sunday, April 28, 2024
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अपहरण करने के बाद सो गए डाकू, झांसी के वृद्ध डॉक्टर ने कोहनी के बल घिसटने के बाद बचा ली जान….

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

झांसी। बुंदेलों की धरती झांसी के 62 वर्ष के डॉक्टर की दिलेरी की लोग अब मिसाल देंगे। चंबल के डाकुओं ने झांसी के कानपुर रोड निवासी वृद्ध डॉक्टर राधाकृष्ण गुरु बक्सानी का शुक्रवार सुबह अपहरण कर लिया। इसके बाद डाकू इन विख्यात डॉक्टर को लेकर मुरैना के बीहड़ में आए और उनका पैर जंजीर से बांधकर सो गए। इसके बाद बुजुर्ग डॉक्टर ने बड़ी दिलेरी दिखाई और कोहनी के बल करीब 500 मीटर घिसटने के जंगल से बाहर खेतों में आ गए। उन्होंने यहां पर मदद की गुहार लगाई और लोगों ने उनको मुक्त कर दिया।

झांसी से अगवा 62 वर्षीय वृद्ध डॉक्टर राधाकृष्ण गुरु बक्सानी शुक्रवार शाम को मुरैना के बीहड़ ;जंगलद्ध में मिल गए। डॉक्टर को चित्रकूट के कुख्यात डकैत ददुआ के नाम पर अगवा किया। उनके पास क्लीनिक पर तीन डकैत ददुआ के नाती का इलाज कराने की बात कहकर पहुंचे। इसके बाद उनको उठा लिया और घर के लोगों के पास फोन कर फिरौती मांगी। डकैत डॉक्टर को लेकर मुरैना आ गए थे। डकैत यहां पर झपकी लेने लगे, इसी बीच डॉक्टर बचकर जंगल से निकल आए। उनके पैरों में जंजीरें बांध रखी थीं। लेकिन डॉक्टर ने चतुराई से काम लिया। आधा किलोमीटर तक कोहनी के बल घिसटते हुए जंगल से निकलकर एक खेत तक पहुंचे। हिंगोना गांव में उन्होंने लोगों से मदद मांगी। गांववालों ने डॉयल 100 को सूचना कर पुलिस बुलाई। इसके बाद मुरैना की सिविल लाइंस पुलिस ने डॉक्टर को जंजीर से मुक्त किया और झांसी पुलिस को सूचना दे दी। झांसी पुलिस भी मुरैना आ गई। यह भी कहा जा रहा है कि डॉक्टर ने लाखों रुपए की फिरौती दी है। उसके बाद उसे छोड़ा गया है। पुलिस जांच कर रही है।

झांसी निवासी 62 वर्षीय राधाकृष्ण गुरु बक्सानी काफी विख्यात माने डॉक्टर हैं। शुक्रवार सुबह झांसी में कानपुर रोड से कुछ हथियारबंद डकैतों ने चार पहिया वाहन में अपहरण किया। डकैत एक मरीज के स्वजन बनकर इलाज के लिए डॉक्टर को ले जाने के बहाने आए थे। डॉक्टर के अपहरण की सूचना से झांसी में सनसनी फैल गई थी। झांसी पुलिस ने आसपास के शहर, जिलों व राज्यों में अलर्ट कर दिया। पुलिस की चौतरफा घेराबंदी के कारण ही अपहरण करने वालों ने सड़क के बजाय जंगल का रास्ता चुना। शनिवार तड़के डकैत डॉक्टर के पैरों में जंजीर बांधकर जंगल में सुस्ताने लगे और झपकी लग गई। इसी का फायदा उठाकर वृद्ध डॉक्टर ने पहले हाथ की कोहनी के बल पर घिसटना शुरू किया और गिरोह से करीब आधा किलोमीटर दूर आ गए। इससे बाद किसी तरह जंगल से बाहर निकले। वह जंगल से बाहर निकले तो खेत के किनारे पहुंचे। यहां गांव के लोगों की उन पर नजर पड़ गई।

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