कांग्रेस की चुप्पी के बीच BJP ने इन 2 सीटों पर घोषित किया उम्मीदवार …….. लड़ चुके हैं इनके खिलाफ चुनाव चुनाव, मंत्री को मिला मौका ……..इस बार सांसद का टिकट काटकर बेटे को बनाया यहां से उम्मीदवार
लखनऊ, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क ।
लंबे इंतजार के बाद भाजपा ने रायबरेली और कैसरगंज सीट से अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. BJP ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह और कैसरगंज से बृज भूषण शरण के बेटे को टिकट दिया है।
कैसरगंज से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के दो बेटे, प्रतीक भूषण सिंह और करण भूषण सिंह हैं. प्रतीक भूषण गोंडा से विधायक हैं और करण भूषण सिंह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले इनकी कोई राजनीतिक भागीदारी नहीं रही है. करण भूषण सिंह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. वह पहले 2018 में यूपी कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट रायबरेली पर भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है. पार्टी ने गुरुवार को लोकसभा उम्मीदवारों की 17वीं सूची जारी कर इन दोनों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. वहीं इसके साथ ही भाजपा ने ओडिशा विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपने 6 उम्मीदवारों की पांचवी सूची जारी कर दी है. पार्टी ने घासीपुरा विधानसभा से शंभूनाथ राउत, भोगराई से आशीष पात्रा, भंडारीपोखरि से सुधांशु नायक, बरी से उमेश चंद्र जेना, बाराबती कटक से पूर्णचंद्र महापात्र और बेगुनिया विधानसभा से प्रकाश चंद्र रणबिजुली को चुनावी मैदान में उतारा है.
रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन की तारीख खत्म होने के एक दिन पूर्व भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। 2019 के चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के खिलाफ इसी सीट से ताल ठोंक चुके हैं। इस बार ऐसा माना जा रहा था कि प्रियंका गांधी के लड़ने की दशा में भाजपा कोई बड़ा चेहरा उतार सकती है। भाजपा ने यूपी की दो सीटों कैसरगंज और रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए थे। टिकट में हो रही देरी के पीछे यह बात मानी जा रही थी कि पार्टी कांग्रेस के टिकट का इंतजार कर रही है।
कम हुआ था सोनिया की जीत का अंतर
प्रदेश के राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह को दूसरी बार भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। इससे पूर्व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिनेश प्रताप सिंह को ही भाजपा ने टिकट दिया था। 2019 लोकसभा का चुनाव भले ही दिनेश जीत न पाएं हों, लेकिन उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। इससे सोनिया गांधी की जीत का अंतर कम हो गया था।
रायबरेली लोकसभा सीट पर चुनाव जीतने के लिए भाजपा इस बार शुरुआती दौर से ही जोर आजमाइश कर रही है। काफी समय से टिकट घोषणा को लेकर असमंजस की स्थिति चल रही थी। कभी वरुण गांधी तो कभी पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय समेत अन्य दावेदारों के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। इन अटकलों पर बृहस्पतिवार को पूर्ण विराम लग गया।
भाजपा ने स्थानीय चेहरे पर दूसरी बार दांव लगाते हुए दिनेश प्रताप सिंह को ही चुनाव मैदान में उतार दिया। दिनेश प्रताप सिंह कभी कांग्रेस में थे, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया था। पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में भी उतारा था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश ने तीन लाख 64 हजार 450 मत हासिल किए थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी को पांच लाख 31 हजार 741 मत मिले थे।
दिनेश के नाम का एलान होते ही भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे का मुंह मीठा किया। साथ ही सभी ने एक स्वर में कहा कि वर्ष 2024 लोकसभा का चुनाव भाजपा ही जीत हासिल करेगी। भाजपा जिलाध्यक्ष बुद्धि लाल पासी ने दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिए जाने की पुष्टिकी।
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