अग्निवीरों के खुशखबरी, सीएस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम की निशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे अग्निवीर…..
वाराणसी। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान आईसीएसआई चार साल की सेवा देने वाले अग्निवीरों को कंपनी सेक्रेटरी के एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम की पढ़ाई निशुल्क कराएगा। इसके अलावा शॉर्ट सर्विस कमीशन से सेवानिवृत्तध्सेवारत सैन्य अधिकारियों के बच्चों और शहीदों के आश्रितों और वीर नारियों की भी पढ़ाई कराई जाएगी। बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में आईसीएसई के अध्यक्ष और कंपनी सेक्रेटरी मनीष गुप्ता ने यह जानकारी दी। बनारस में कंपनी सेक्रेटरी के 1800 छात्र और 125 सदस्य हैं।
मनीष गुप्ता ने कहा कि देश भर में आईसीएसआई के 72 हजार सदस्य और दो लाख छात्र.छात्राएं हैं। उत्तर प्रदेश में 4200 सदस्य और 18 हजार छात्र.छात्राएं हैं। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार, कंपनी सेक्रेटरी के कोर्स को रिवाइज किया गया है। उसमें साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिस्प्यूट मैकेनिज्म को शामिल किया गया है। आईसीएसआई के छह सेंटर विदेशों में हैं। दुबई व लंदन के बाद अगले साल तीसरी कांफ्रेंस सिंगापुर में होगी। मनीष गुप्ता ने कहा कि कंपनी सेक्रेटरी ऐसा प्रोफेशन है जहां जॉब की पूरी गारंटी है। 10 करोड़ के ऊपर के टर्नओवर की सभी कंपनी को कंपनी सेक्रेटरी चाहिए। देश में 50 से 60 हजार कंपनी है। कंपनी सेक्रेटरी की पढ़ाई के बाद खुद भी प्रैक्टिस की जाती है। मध्यस्थता केंद्रों और आईपीओ में भी पर्याप्त अवसर हैं।
पहला मध्यस्थता सेंटर नोएडा में खोलेंगे
मनीष गुप्ता ने कहा कि देश में पांच करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित हैं। विधि मंत्रालय ने मध्यस्थता के जरिये मामलों के निस्तारण की अपील की है। देश भर में हमारे ऑफिस में मध्यस्थता केंद्र खोलने जा रहे हैं। पहला अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र नोएडा में खोलेंगे। फिर बंगलूरू, हैदराबाद और कोलकाता में खोले जाएंगे।
परीक्षा में 15 मिनट का समय प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए मिलेगा
आईसीएसआई कंपनी सेक्रेटरी कोर्स के छात्रों के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस साल दिसंबर में होने वाली परीक्षा में छात्र.छात्राओं को तीन घंटे के पेपर से पहले 15 मिनट का प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए मिलेगा। यह लाभ एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल दोनों लेवल पर मिलेगा। मनीष गुप्ता ने बताया कि देश भर में 200 विश्वविद्यालयों से उनका एमओयू है। उत्तर प्रदेश में 12 विश्वविद्यालयों से एमओयू है।