छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, बुक स्टोर से 500 नकली किताबें बरामद……..
गाजियाबाद। नकली किताबें छप कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। गाजियाबाद में प्रकाशकों की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर बजरिया में एक बुक स्टोर से 500 नकली किताब बरामद की हैं।
दसवीं से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षा, चिकित्सा शिक्षा और सिविल सर्विसेज की तैयारी में उपयोग आने वाली किताबों की नकली प्रतियां मिली हैं। एसीपी कोतवाली निमिष पाटील ने बताया कि एडवोकेट संजीव कुमार राघव ने कॉलेज बुक डिपो के संचालक अंकित कुमार के खिलाफ कापीराइट एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
12 राशियों में से हर व्यक्ति की अलग राशि होती है, जिसकी मदद से व्यक्ति यह जान सकता है कि उसका आज का दिन कैसा होगा/ज्योतिष में ग्रहों की चाल से शुभ और अशुभ घड़ियां बनती हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं। अगर आपकी राशि के बारे में आज का दिन अच्छा है। तो आप उसे सेलिब्रेट कर सकते हैं, वहीं अगर आज का दिन आपके लिए खराब है तो आप पंडित जी के दिए गए सुझावों को अपनाकर कुछ अच्छा कर सकते हैं।
संजीव ने 12 सितंबर को नगर कोतवाली आकर बताया था कि वह कई प्रकाशकों की ओर से पाइरेसी रोकने के लिए अधिकृत प्रतिनिधि हैं। उन्हें पुलिस टीम के साथ बजरिया के कालेज बुक डिपो पर भेजा, जहां इंडियन पालिटी, इंडियन आर्ड एंड कल्चर, इंडिया एंड वर्ल्ड जियोग्राफी, भारत की आंतरिक सुरक्षा की मुख्य चुनौतियां, एसेंशियल्स आफ माइक्रोबायोलोजी व गणित की करीब 500 किताबें दुकान से मिलीं।
पुस्तकों पर पड़ा है असली लेखक व प्रकाशक का नाम
इन पर असली लेखक व प्रकाशक का नाम पड़ा है, लेकिन सभी किताबें स्कैन कर खराब कागज व स्याही से छपी हुई थीं। अंकित ने बताया कि भरत नाम का व्यक्ति नई सड़क दिल्ली से नकली प्रतियां लाकर उन्हें देता है।
भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़
संजीव कुमार राघव ने बताया कि स्कैन करने से गुणवत्ता गिर जाती है। इसीलिए इन किताबों में डायग्राम की शेप बिगड़ जाती है। खासकर गणित व चिकित्सा शिक्षा की नकली किताबें सही जानकारी नहीं देती हैं।
छपाई की गुणवत्ता के साथ ही संपादकीय गलतियां भी होती हैं। इसके अलावा नकली किताबें खराब कागज व स्याही के कारण इन्हें पढ़ने पर सिर दर्द करता है। लगातार पढ़ने से अक्षर धुंधले दिखाई देने लगते हैं। फोटो व नक्शा छपी किताबों की गुणवत्ता और भी खराब होती है।
25 प्रतिशत अधिक मुनाफे का लालच
संजीव ने बताया कि गाजियाबाद में करीब एक दर्जन बुक स्टोर पर नकली किताबों की सूचना मिली थी। अभी यह कार्रवाई और भी जगहों पर की जाएगी। नकली किताबें असली की कीमत में ही बिकती हैं। लेकिन बेचने वालों को मोटा मुनाफा मिलता है। प्रकाशक की मूल प्रति बेचने पर दुकानदार को करीब 40 प्रतिशत मुनाफा होता है, जबकि नकली किताबों पर अंकित मूल्य की 60.65 प्रतिशत बचत होती है।