होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर एक्शन को लेकर दुविधा में शासन, फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार…..
लखनऊ। होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के विरुद्ध जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भी शासन स्तर पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है। जांच रिपोर्ट का परीक्षण काराया जा रहा है। कुछ तथ्यों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट पर विधिक राय लिए जाने की तैयारी है। होमगार्ड कमांडेंट पर एक महिला पीसीएस अधिकारी के पति द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बहुचर्चित मामले में जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी जा चुकी है।
महिला अधिकारी से करीबी रिश्तों व उसके पति की हत्या के षड्यंत्र समेत अन्य तथ्यों की जांच की गई थी। डीआइजी होमगार्ड, प्रयागराज रेंज की रिपोर्ट में दोषी पाए गए कमांडेंट के विरुद्ध होमगार्ड मुख्यालय से निलंबन व विभागीय कार्यवाही की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। महिला अधिकारी के पति की हत्या के षड्यंत्र के मामले में एफआइआर दर्ज कर जांच किए जाने की बात भी कही गई थी।
कमांडेंट की पत्नी ने भी लगाए हैं उत्पीड़न के आरोप
हालांकि जांच रिपोर्ट में इसे लेकर कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिया गया। जो साक्ष्य दिए गए हैंं। उनका फारेंसिक परीक्षण कराए जाने के बिना ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कमांडेंट की पत्नी द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है। कमांडेंट व उनके पत्नी के बीच विवाद को लेकर कोर्ट में तलाक का वाद दायर है। वहीं महिला पीसीएस अधिकारी का भी अपने पति से विवाद है। फिलहाल शासन स्तर पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।
पीसीएस महिला अधिकारी के पति ने की थी होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर कार्रवाई की मांग
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर बरेली में तैनात रहने के दौरान एक महिला पीसीएस अधिकारी से करीबी रिश्ते होने का गंभीर आरोप लगा था। यह आरोप महिला अधिकारी के पति ने लगाया था और पत्नी व कमांडेंट द्वारा मिलकर उनकी हत्या की साजिश रचे जाने की आशंका भी जताई थी। महिला अधिकारी के पति ने कई साक्ष्यों को सार्वजनिक भी किया था।
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे का महिला पीसीएस अधिकारी पर आया दिल
होमगार्ड मुख्यालय ने इसकी जांच डीआईजी संतोष कुमार सिंह को सौंपी थी। जांच में दोषी पाए गए कमांडेंट के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जांच रिपोर्ट में महिला अधिकारी व कमांडेंट के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को शामिल किया गया है। जिसमें कमांडेंट कहता है कि क्यों न उसे बीच से हटा दें। हमें बार.बार डिस्टर्ब कर रहा है। फिर महिला अधिकारी अपने पति का नाम लेती है। जिस पर कमांडेंट हामी भरता है। कहता है कि कहानी ही खत्म कर देते हैं। इन तथ्यों की पुलिस जांच में कमांडेंट की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
महिला पीसीएस अधिकारी ने पति पर दर्ज कराया है दहेज उत्पीड़न का केस
इस मामले में फंसी महिला पीसीएस अधिकारी डीआइजी के सामने बयान देने से बचती रही थीं। उन्होंने जांच अधिकारी से अदालत में बयान दर्ज कराने की बात कही थी। बता दें कि महिला पीसीएस अधिकारी ने भी पति के खिलाफ प्रयागराज में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं एसडीएम ज्योति मौर्या ने भी पति आलोक के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है।