विधानसभा चुनाव से पूर्व जिंदा हुआ जिन्ना का जिन्न, पूछा मजार पर क्यों गए थे आडवाणी…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
बलिया। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से लगातार बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बार के चुनाव में सबसे पहले चर्चा में आए हैं मोहम्मद अली जिन्ना। उनको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जब से बयान दिया राजनीति गरमा गई है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व अब जिन्ना के जिन्न की एंट्री हुई है। जिन्ना के आने के बाद से ही जिन्ना को लेकर हिंदू. मुस्लिम और भाजपा. सपा के बीच सियासी बयानबाजी और पलटवार का दौर शुरू हो चुका है। सियासत की गहमागहमी के बीच अब पूर्वांचल में भी भाजपा के खिलाफ विपक्षी बयान तल्ख हो गए हैं।
गत दिनों सदर विधायक व सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी बयान दिया कि मुसलमानों को खुश करने के लिए अखिलेश यादव इस्लाम भी कबूल सकते हैं। इस पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा है कि बीजेपी को पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। उन्होंने पूछा कि लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाने क्यों गए थे। बलिया में अपने आवास पर सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा कि कोई भी बयान देने से पहले स्वयं से पूछना चाहिए।
भाजपाइयों को अपने दल का इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी स्वतंत्रता आंदोलन में मोहम्मद अली जिन्ना के योगदान को याद करके उनकी मजार पर चादर चढ़ाने गए थे। इसी योगदान को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना का स्मरण किया था। इसे राजनीतिक लाभ के लिए गलत तरीके से जनता में प्रस्तुत कर भाजपा समाज में तनाव बढ़ाने का कार्य कर रही है। लेकिन इस बार जनता भाजपा के चरित्र को अच्छी तरह से जान चुकी है। सपा के अन्य नेताओं ने भी मंत्री आनंद स्वरूप के बयान के बाद मोर्चा खोल दिया है।