Sunday, April 28, 2024
नई दिल्ली

डॉक्टरों की घोर लापरवाही की कहानी. 20 लाख खर्च, 52 बोतल खून…..नहीं बची शहनाज, डिलीवरी के वक्त हुआ ऐसा…….

 

पलवल। डिलीवरी के दौरान शहर स्थित निधि अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही कर गर्भवती महिला की पेट की नस काट दी। जिससे उसकी मौत हो गई।

महिला करीब 24 दिन तक अस्पताल में दाखिल रही। लगातार खून बहने से महिला के अंगों ने काम करना बंद कर दिया और उसने दम तोड़ दिया। शहर थाना पुलिस ने मामले में महिला के पति की शिकायत पर निधि अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

शहर थाना प्रभारी तेजपाल के अनुसार मामले में शहर के हुडा सेक्टर दो के रहने वाले आमिर खान ने शिकायत दी है कि उसकी पत्नी शहनाज गर्भवती थी। बीती 19 जून को उसने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए निधि अस्पताल में दाखिल कराया था।

19 जून को अस्पताल में हुई थी भर्ती

निधि अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा था कि डिलीवरी नार्मल नहीं होगी। इसके लिए ऑपरेशन करना होगा। इसके बाद डॉक्टरों ने 19 जून की शाम को करीब सात बजे शहनाज का ऑपरेशन किया। रात के करीब बजे शहनाज को बच्ची पैदा हुई।

इसके बाद शहनाज ने स्वजन को बताया कि बच्ची पैदा होने के बाद डॉक्टरों ने उसके पेट को कई बार खोला और बंद किया है। इसके बाद शहनाज के शरीर से खून बहने लगा। इस पर निधि अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए और शहनाज को किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा। आनन.फानन में स्वजन द्वारा शहनाज को फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया।

सात जुलाई को पीजीआई रोहतक किया रेफर

शहनाज करीब दस दिन फरीदाबाद के निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रही। बीती सात जुलाई को शहनाज की गंभीर हालत होने पर उसे पीजीआई रोहतक के लिए रेफर कर दिया। बीती 13 जुलाई को शहनाज ने दम तोड़ दिया।

शहर थाना प्रभारी तेजपाल के अनुसार मामले में मृतका के पति की शिकायत पर निधि अस्पताल की डॉक्टर निधि और वीपी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिला नागरिक अस्पताल में मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया गया है।

खून बहने से अंगों ने काम करना किया बंद

शिकायतकर्ता के अनुसार निधि अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही से शहनाज की नस काट दी और उसका खून लगातार बहता रहा। इस कारण शहनाज के शरीर के मुख्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया। शहनाज के इलाज पर करीब 20 लाख खर्च खर्च हुए और करीब 52 बोतल खून भी चढ़ाया गया। मगर उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

आर्किटेक्ट थी मृतक महिला, विश्वविद्यालय किया था टॉप
स्वजन के मुताबिक मृतक महिला आर्किटेक्ट थी और उसका अपना प्राइवेट काम था। मृतक महिला ने आर्किटेक्ट की पढ़ाई के दौरान विश्वविद्यालय में टॉप किया था।

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