Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

माफिया राज के खात्मे से योगी ने लगाया 2024 का मास्टर स्ट्रोक, बुलडोजर बाबा की लोकप्रियता का मिलेगा फायदा…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

निकाय चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के पीछे माफिया राज के खात्मे का मुद्दा सबसे अहम माना जा रहा है। अतीक अहमद के गठजोड़ और आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करने के साथ ही अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए बुलडोजर बाबा की लोकप्रियता का फायदा अब आगामी लोकसभा चुनाव में मिलने की उम्मीद है।

कहा जा रहा है कि बुलडोजर के जरिए सुशासन और कानून व्यवस्था की स्थापना का मुद्दा 2024 के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। निकाय चुनाव के एलान से पहले बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद संगमनगरी में कानून व्यवस्था का मुद्दा गरमा गया।

विधानसभा में सीएम योगी के माफिया को मिट्टी में मिलाने के संकल्प के बाद कानून व्यवस्था को लेकर न सिर्फ सियासी पारा चढ़ा। बल्कि सूबे में बिकरू कांड के बाद 2020 में शुरू हुई बुलडोजर कार्रवाई भी सतह पर आ गई।

इसी क्रम में उमेश के फरार हत्यारों और उनसे जुड़े अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलवाकर सरकार ने न सिर्फ माफिया.अपराधी गठजोड़ को पस्त किया। बल्कि आम जन के बीच सुशासन की स्थापना का भरोसा भी पैदा किया। आमतौर पर तोड़फोड़ के उपकरण के रूप में देखा जाने वाला बुलडोजर न सिर्फ यूपी में, बल्कि दूसरे राज्यों में भी सुशासन का प्रतीक बन गया है।

यही वजह रही कि देश में कई राज्यों की सरकारों ने कानून व्यवस्था को लेकर बुलडोजर मॉडल को अपनाना शुरू कर दिया। प्रयागराज में माफिया और उससे जुड़े अपराधियों, शूटरों की संपत्तियां बुलडोजर का निशाना बनीं, तो इस कार्रवाई को सामाजिक तौर पर स्वीकृति भी खूब मिली।

निकाय चुनाव से पहले बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। बुलडोजर के दम पर ढहते माफिया के घरों, शॉपिंग कांप्लेक्स, होटलों और इमारतों की तस्वीरें और वीडियो लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खुशी से जारी किए।

आजाद नगर के निवासी रविशंकर मिश्र कहते हैं कि योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई उन लोगों के लिए कड़ी चेतावनी है, जो शांति और सुरक्षा के लिए खतरा माने जा रहे हैं। बुलडोजर धीरे.धीरे गलत करने वालों के खिलाफ न्याय के प्रतीक के रूप में उभरा है। इसका फायदा आने वाले चुनाव में भी मिल सकता है।
इसी तरह राजनीतिक विश्लेषक अजय गोविंद राव भी बुलडोजर नीति को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देख रहे हैं। वह कहते हैं कि सरकार की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के प्रति चंद लोगों को छोड़ दिया जाए तो कहीं विरोध नहीं दिखा।

अलबत्ता आम जन ने राहत की सांस लेने के साथ ही खुशी ही जाहिर की है। ऐसे में कानून व्यवस्था का मुद्दा आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।

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