Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

मुर्दे भी करेंगे मतदान, यकीं नहीं तो वोटर लिस्ट देखिए, जिंदा खोज रहे अपना नाम…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

उत्तर प्रदेश के बागपत में दूसरे चरण के तहर 11 मई को निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है। इस मतदान में मुर्दे भी मतदान करेंगे, जी हां मृतकों की मतदाता पर्ची उनके घर पहुंच गई है जबकि जीवित लोग मतदाता लिस्ट में अपने नाम खोज रहे हैं। पढ़ें आखिर क्या है पूरा मामला।

मतदाता सूची को कई चरणों में दुरुस्त करने का दावा करने वाले प्रशासन की पोल खुल गई है। इसमें बीएलओ की घोर लापरवाही भी उजागर हुई है। आलम यह है कि जिन लोगों की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उन्हें मतदाता पर्ची में जिंदा दर्शा रखा है। जबकि जो लोग जीवित हैं। उनका मतदाता पर्चियों से नाम तक गायब है। ऐसे में लापरवाही के कारण लगभग 2000 से अधिक जीवित युवा अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे।

मामला तब उजागर हुआ, जब बीएलओ द्वारा लोगों के घरों में मतदाता पर्चियां उपलब्ध कराई गईं। इसे लेकर लोग अब तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। इसको लेकर लोगों में रोष पनपता जा रहा है।

शुरू, मतदान कल, 763 प्रत्याशी हैं मैदान में

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष एक नवंबर से मतदाता पुनरीक्षण का कार्य शुरू हुआ था, जो सात नवंबर तक चला। इसके बाद 12 नवंबर से 17 नवंबर तक आपत्तिध्दावे दर्ज किए गए थे। बाद में 18 नवंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया था। हालांकि बाद में भी राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने ओर घटाने का काम किया गया थ। ताकि कोई मतदान से वंचित न रह सके। जिसके बाद वर्ष 2023 में 10 मार्च से एक अप्रैल तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था। प्रशासन का भी पूरा ध्यान इस ओर था। लेकिन इसके बाजवूद बीएलओ की घोर लापरवाही उजागर हुई है।

हाल ही में बीएलओ द्वारा घर.घर मतदाता पर्चियां उपलब्ध कराई गई हैं। जिनमें कई साल पहले जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उन्हें जिंदा दर्शाया गया है। जबकि जीवित लोगों के मतदाता पर्चियों से नाम ही गायब हैं। अब निकाय चुनाव के लिए दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होना है। ऐसे में मतदाता पर्चियों में अपना नाम शामिल कराने के लिए लोग तहसील के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कोई हल नहीं निकल नजर आ रहा है।

केस नंबर एक

बड़ौत के वार्ड नंबर 18 में बुजुर्ग महिला स्वर्णलता की मार्च 2020 में मौत हो चुकी है। बावजूद इसके मतदाता पर्ची में उन्हें जिंदा दिखा रखा है। जबकि इनके परिवार से जीवित लोगों में दीपक जैन, पूजा जैन, जूही जैन का मतदाता पर्चियों से नाम ही गायब है।

केस नंबर दो

नगर के वार्ड नंबर 20 में वर्ष 2010 में सोहनवीर देवी की मौत हो चुकी है। लेकिन बीएलओ की घोर लापरवाही के चलते मतदाता पर्ची में इन्हें जीवित दर्शा रखा है और उनके नाम की मतदाता पर्ची उनके घर पर भेज दी गई। जिससे देख परिवार के लोग भी हैरान रह गए।

केस नंबर तीन

बड़ौत में शिवपुरी के रहने वाले निरंजन सिंह का वर्ष 2021 में निधन हो चुका है। परिवार के लोगों ने इसकी जानकारी बीएलओ को दी और मतदाता पर्ची से उनका नाम काटने के लिए बताया और नए नाम जोड़ने की मांग की। लेकिन इसके बावजूद निरंजन सिंह को जीवित दर्शा कर उन्हें इस बार वोटर बना दिया। जबकि इनके परिवार से ही कई युवाओं के नाम काट दिए गए। जिनमें अभिषेक, वीशू, दीपू, मोनू, उज्जवल, पुष्पेन्द्र, अनिल आदि शामिल है। ये तो मात्र तीन उदाहरण हैं, ऐसे तमाम लोग तहसील के चक्कर काट रहे हैं। जिनके मतदाता पर्चियों से नाम तक गायब है। इसके अलावा बहुत से मतदाताओं के घरों का पता ही गलत दर्शाया गया है।

ये बोले एसडीएम

यदि ऐसा हुआ है तो बिल्कुल लापरवाही है। इस संबंध में संबंधित बीएलओ से जवाब मांगा जाएगा। फिलहाल पूरा प्रशासन चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा है, जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्हें दिखवाया जाएगा, क्योंकि फिलहाल मतदाता सूची में नाम घटना ओर जोड़ने का कार्य पूर्णत बंद है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *