Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

किराये की कोख पर अब सख्त होगी निगरानी, सीएमओ को देना होगा रिकॉर्ड, बच्चे को होंगे सभी अधिकार……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

लखनऊ शहर में अब किराये की कोख पर निगरानी सख्त कर दी गई है। जरूरतमंद अब किराये की कोख सरोगेसी के लिए किसी शादीशुदा करीबी महिला रिश्तेदार की ही मदद ले सकेंगे। इसके लिए पहले स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी होगी। वहां से जांच पड़ताल के बाद अनुमति मिलने पर ही सरोगेसी की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। नए सरोगेसी अधिनियम को स्वास्थ्य विभाग सभी आईवीएफ सेंटर पर सख्ती से लागू करने जा रहा है। इसका पालन न करने वाले आईवीएफ सेंटर पर ताला लगेगा।

शहर में करीब 25.30 से अधिक आईवीएफ सेंटर चल रहे हैं। इन सेंटरों पर अभी तक स्वास्थ्य विभाग का कोई खास दखल नहीं था। इससे ये मनमानी करते हैं। सरोगेसी अधिनियम.2021 को अब सख्ती से आईवीएफ सेंटर पर लागू किया जाएगा। नए नियम के तहत अब किराये की कोख नहीं ली जा सकेगी। इसके लिए किसी नजदीकी महिला रिश्तेदार की ही मदद ली जा सकेगी।

अहम बात यह है संबंधित महिला विवाहित होनी चाहिए और वह जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही सरोगेट माता बन सकेगी। दोबारा ऐसा करने की उसे अनुमति नहीं होगी। वहीं सरोगेसी से प्राप्त बच्चे को जरूरतमंद दंपती त्याग नहीं पाएंगे। इस बच्चे को वो सभी अधिकार होंगे जो जैविक रूप से पैदा हुए बच्चे के होते हैं।

नियमों का उल्लंघन होने पर पांच से 10 लाख रुपये जुर्माना या तीन साल से आठ साल की सजा का प्रावधान होगा। सीएमओ डॉण् मनोज अग्रवाल के मुताबिक सभी आईवीएफ सेंटर पर नए कानून को लागू किया जा रहा है। इसका अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई होगी।

डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित

सरोगेसी अधिनियम सख्ती से लागू करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित हुई है। इसमें डीएम अध्यक्ष, सीएमओ सचिव, सदस्य केजीएमयू गाइनेकोलॉजी विभागाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष रेडियोलॉजिस्ट, संयुक्त निदेशक अभियोजन होंगे। यह कमेटी किराये की कोख लेने वाले का रिकॉर्ड चेक करेगी। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। आर्गन ट्रांसप्लांट की तर्ज पर कोख लेने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। माह में एक बार इसे लेकर बैठक भी होगी। इसमें पांच विशेषज्ञ भी रहेंगे, जो किराये की कोख लेने की अनुमति देंगे।

सरोगेसी की फीस भी तय होगी

सरोगेसी के लिए अभी तक कोई शुल्क तय नहीं है। शासन से फीस तय किए जाने को लेकर वित्त विभाग में फाइल भेजी गई है। यहां पर सरोगेसी की फीस तय होगी। अभी तक फीस तय न होने से मनमाफिक शुल्क वसूला जाता था। इसका कोई लेखाजोखा भी स्वास्थ्य विभाग व डीएम के पास नहीं होता था। नए कानून के तहत निर्धारित फीस जमा करने के बाद सरोगेसी की प्रक्रिया शुरू होगी।

ये सवाल भी, भावनात्मक रिश्तों का क्या होगा

किराये की कोख के लिए करीबी महिला रिश्तेदार का होना जरूरी है। ऐसे मामलों में अगर करीबी महिला रिश्तेदार ने कभी बच्चे को ये बता दिया कि वह ही उसकी मां है, तो क्या बच्चे का जिसे वह अपनी मां समझता रहा है, उससे वो भावनात्मक रिश्ता रह जाएगा/जिंदगी के किसी मोड़ पर महिला का ममत्व जग गया तो क्या रिश्तों पर असर नहीं डालेगा।

ये भी बदलाव होंगे….प्रोफेशनल स्पर्म डोनर्स पर कसेगा शिकंजा
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है नए कानून के लागू होने के बाद प्रोफेशनल स्पर्म डोनर पर नकेल कसेगी। आईवीएफ सेंटर में जो भी प्रक्रिया होगी उसका रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग को देना होगा। इसमें डोनर की जांच होगी ताकि यह पता चले कि वह प्रोफेशनल तो नहीं है। अभी तक आईवीएफ सेंटर में होने वाली किसी भी प्रक्रिया का रिकॉर्ड नहीं दिया जाता था।

स्पर्म बैंक भी खुलेगा

शहर में ब्लड बैंक की तर्ज पर स्पर्म बैंक शुरू किए जाएंगे। अभी तक किसी भी आईवीएफ सेंटर के पास स्पर्म बैंक नहीं है। पारदर्शिता लाने के लिए स्पर्म बैंक शुरू होंगे। यूपी के किसी भी आईवीएफ सेंटर का स्पर्म सेंटर अभी तक नहीं है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *