Thursday, May 2, 2024
आगराउत्तर-प्रदेश

हत्याकांड में तोते से मिला था सुराग, हत्यारे का नाम आते ही जोर, जोर से चीखने लगा था हीरा…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

आगरा। बल्केश्वर के नौ वर्ष पुराने चर्चित नीलम शर्मा हत्याकांड में दोषियों को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस हत्या का सुराग घर में 28 साल से रह रहे तोते ने दिया। नीलम शर्मा की उनके सगे भांजे आशु उर्फ आशुतोष ने मित्र रोनी मैसी के साथ मिलकर लूटपाट के दौरान हत्या कर दी थी

धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार कर की थी हत्या

घटना 20 फरवरी 2014 की है। गंगे गौरी बाग बलकेश्वर निवासी स्वराज टाइम्स के संपादक विजय शर्मा पुत्री निवेदिता और पुत्र अजेश के साथ फिरोजाबाद गए थे। घर में पत्नी नीलम शर्मा, वृद्ध पिता आनंद शर्मा थे। आधी रात वे लौटे तो नीलम की हत्या और लूटपाट का पता चला। उनकी धारदार हथियार से ताबड़तोड़ प्रहार कर हत्या की गई थी। आरोपितों ने नीलम शर्मा के पालतू कुत्ते टफी को मार दिया गया था। पुलिस ने 25 फरवरी 2014 को ही हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया था।

नीलम शर्मा के भांजे ने दोस्त संग की थी वारदात

लूट और हत्या के आरोप में नीलम शर्मा के भांजे आशु उर्फ आशुतोष गोस्वामी और उसके मित्र रोनी मैसी निवासी अर्जुन नगर शाहगंज को गिरफ्तार किया था। कोर्ट आदेश पर दोनेां को जेल भेजा गया था। अभियोजन ने वादी, विवेचक समेत कुल 14 गवाह पेश किए थे। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र मोहम्मद राशिद ने साक्ष्यों, वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदर्श चौधरी के तर्कों के आधार पर आरोपितों आशुतोष और रोनी को दोषी पाया। गुरुवार को दोषियों को सजा सुनाने के दौरान नीलम शर्मा के स्वजन भी न्यायालय मे मौजूद थे।

चार मामलों में सुनाई सजा

आशुतोष गोस्वामी और रोनी मैसी को न्यायालय ने चार मामलों में सजा सुनाई। चारों सजा एक साथ चलेंगी। उन्हें लूट के मामले में 10 वर्ष सश्रम कारावास, हत्या में उम्र कैद, धारा 429 में चार वर्ष और माल बरामदगी में तीन वर्ष की सजा सुनाई है। आशुतोष को आयुध अधिनियम में दो वर्ष की सजा सुनाई है।

आशु का नाम आते ही चीखने लगा था तोता

नीलम शर्मा की पुत्री निवेदिता शर्मा ने बताया कि मां की हत्या के बाद तोता हीरा तीन दिन तक गुमसुम रहा था। वह मां के साथ 28 वर्ष से था। इस पर पिता विजय शर्मा और परिवार के लोगों का ध्यान गया। विजय शर्मा ने तोते के पास जाकर कहा कि नीरू की हत्या तुम्हारे सामने हो गई, तुम खामोश रहे। इसके बाद जिन लोगों पर परिवार को शक था उनका नाम तोते हीरा के सामने लेना शुरू किया। आशु का नाम लेते ही वह गर्दन हिलाकर जोर.जोर से चीखने लगा। पिता विजय शर्मा ने पुलिस को आशुतोष के बारे में जानकारी दी। नीलम की हत्या के छह महीने बाद ही तोते हीरा की मौत हो गई थी।

 

 

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