Sunday, May 5, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

वाराणसीः अग्निवीर सेना भर्ती पर पुलिस के साथ इंटेलिजेंस की भी नजर, फर्जी दस्तावेज मिले तो होगी कड़ी कार्रवाई…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

वाराणसी। पूर्व में अग्निवीर सेना भर्ती में फर्जी दस्‍तावेजों के सहारे भर्ती में शामिल होने की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सेना में भर्ती होने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन ही नहीं बल्कि इंटेलिजेंस की भी नजर बनी हुई है। पूर्व में भी भर्ती के दौरान फर्जी नाम और पते से सेना में भर्ती होने की कोशिश करने वालों पर नजर रखी जा रही है।

सेना भर्ती के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस मुस्तैद रहेगी। इसके साथ ही इंटेलिजेंस की नजर भी रहेगी। पूर्व में सेना भर्ती के नाम पर हो चुकी गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए इस पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।

सेना भर्ती के दौरान कई तरह के असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते हैं। आसानी से भर्ती कराने के नाम वसूली करते हैं। फर्जी दस्तावेज के सहारे अभ्यर्थियों को भर्ती कराने की कोशिश करते हैं। इसी तरह के गिरोह का राजफास एटीएस ने किया था। फर्जी नाम पते से सेना में भर्ती हुए युवक को गिरफ्तार किया था। वह मूलरूप से नेपाल का बांके जिले का रहने वाला है। उसका असली नाम सागर शाही है। उसका स्थानीय पता लोहता के चंदापुर रहा।

39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर में वर्ष 2015.16 के दौरान फर्जी तरीके युवकों को भर्ती कराने के मामले में वर्ष 2017 में लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था। सेना में भर्ती हो चुके दिलीप गिरी ;नेपाली नाम विष्णु भट्टराई को 39 जीटीसी से गिरफ्तार किया गया था।

भर्ती में इसका सहयोग करने वाले नेपाली नागरिक चंद्र बहादुर खत्री जो फुलवरिया में किराए पर कमरा लेकर रह रहा था उसे गिरफ्तार किया गया। उसके साथियों अजय मौर्य, नागेश मौर्य और अवध प्रकाश मौर्य को भी यूपी एटीएस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

इस गिरोह के फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए तीन नेपाली युवक प्रेम सिंह कुंवरए मनोज बिश्नेटए शिवांश बालियान भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद तीनों अवकाश लेकर फरार हो गए। सेना ने इन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।

फिर कोई गिरोह ऐसा न कर सके इसलिए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच होगी। इसके साथ ही भर्ती के दौरान अभ्यर्थियों को सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों को ठगने वाले सक्रिय हो जाते हैं। इनकी तलाश भी इंटेलिजेंस यूनिट करेगी।

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