यहां गंगा में तैरते मिले पत्थर की जांच करने वाराणसी से रविवार को जाएगी जियोलाजिस्ट की टीम……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मीरजापुर/वाराणसी। सीखड़ गांव के सामने गंगा नदी में शुक्रवार सुबह तैरता हुआ पत्थर देख लोग अचंभित रह गए। हालांकि इसकी प्रमाणिकता अभी पुष्ट नहीं हो पाई है। इसकी सच्चाई को जानने के लिए वाराणसी से रविवार को जियोलाजिस्ट की टीम सीखड़ के लिए रवाना होगी। इसमें जांच की जाएगी कि क्या यह वर्तमान में संभव है कि कोई पत्थर पानी में तैर सकता है! हेड आफ द डिपार्टमेंट जियोलाजी बीएचयू डा. बीपी सिंह व असिस्टेंट प्रोफेसर जियोलाजी डा. प्रदीप कुमार की टीम मौके पर पहुंच कर जांच करेगी।
डा. बीपी सिंह ने बताया कि पानी में तो कोरल्स भी तैरते हैं। इसके अलावा प्यूमिस भी तैरता है क्योंकि इनमें छिद्र होने के कारण हवा भर जाती है। प्यूमिस एक तरह का पत्थर ही होता है। हवा भरने के कारण वह हल्का हो जाता है ऐसे में वह पानी में तैर सकता है। सीखड़ में मिले पत्थर की जांच करने के बाद ही कहा जाएगा कि वह कैसा पत्थर है जो पानी में तैर रहा है। आर्कियोलाजी विभाग बीएचयू के प्रोफेसर सीताराम दूबे बताते हैं कि पत्थर का घनत्व कम होने से भी वह जितनी जगह घेरता हो वह पानी से कम हो, ऐसी स्थिति में भी पत्थर पानी में तैर सकता है।