जिस कार में आनी थी दुल्हन, रोता बिलखता आया अकेला दूल्हा, हादसे में बड़े भाई की भी मौत…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लालढांग। जिस कार में संदीप की दुल्हन आनी थी। कार को फूलों से सजाकर भेजा था। उस कार में रोता बिलखता दूल्हा संदीप अकेला लौटा। दूल्हा संदीप की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं। बिलख.बिलखकर वह अपनी किस्मत को कोस रहा है। बुधवार को उसकी भाभी, बहन और भतीजा वीरान पड़ चुके गांव लौटे। घर पहुंचते ही दूल्हे की मां देवेश्वरी देवी समेत अन्य महिलाओं का रो.रोकर बुरा हाल था।
कार में ही फूट.फूट कर रोता रहा दूल्हा
इसे नियति की क्रूरता ही कहेंगे कि जिस सजी कार में दूल्हा संदीप दुल्हन रचना को लेकर आने वाला था। उसी कार में रोता बिलखता दूल्हा अपनी भाभी, बहन और भतीजे के साथ बगैर दुल्हन के लौटा। बदहवास संदीप अपनी किस्मत को कोसते हुए कुछ देर तक कार से बाहर ही नहीं निकला। वह कार में ही फूट.फूट कर रोता रहा। रो.रोकर उसने अपनी मां से कहा कि मां मैं तेरे लिए दुल्हन नहीं ला पाया, उल्टे मेरे जीवन में इतना बड़ा धब्बा लग गया। पड़ोसी और रिश्तेदार किसी तरह बमुश्किल संदीप को कार से बाहर लाए और घर में ले गए।
संदीप की भाभी की तो दुनिया ही उजड़ गई
घर में वह अपनी मां से गले लगकर काफी देर तक रोता रहा। संदीप की बहन और भाभी को भी अचेत सी हालत में कार से उतारा गया। उमंग और उत्साह से अपने लिए देवरानी लेने गईं संदीप की भाभी की तो दुनिया ही उजड़ गई। संदीप के भाई बस में सवार मृतकों में शामिल हैं। संदीप का भतीजाए रोते.बिखलते अपनों की भीड़ में पापा को ढूंढ रहा है। उसे संभालने वाले खुद ही बेसुध हैं। कभी वह अपनी मां तो कभी दादी और कभी चाचा और बुआ को देखता है। उन्हें चुप कराता है और फिर खुद ही अपने आंसू पोछ लेता है।