17 महीने घर में पड़ी लाश की रिश्तेदारों को भी नहीं लगी भनक, कोई मदद न मांग ले मिताली इसलिए बना ली थी दूरी……..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मौत के 17 महीने बाद तक घर पर ही आयकर अधिकारी का शव रखने के चलते आज दुनिया.जहां के सवालों का सामना कर रहे मिताली के परिवार से मुश्किल वक्त में उनके रिश्तेदारों ने भी दूरी बना ली थी। कोरोना बहुतों को हुआ लेकिन विमलेश की बीमारी ने पूरे परिवार से रिश्तेदारों को दूर कर दिया था। बीमारी में परिवार पूरी तरह आर्थिक रूप से टूट गया था। परिवार से जुड़े करीबियों और रिश्तेदारों ने आर्थिक मदद मांगने के डर से दूरी बना ली थी।
अप्रैल 2021 में कोविड की दूसरी लहर में आयकर विभाग, अहमदाबाद में तैनात विमलेश संक्रमण की चपेट में आए थे। कोरोना से पीड़ित होने के बाद विमलेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अहमदाबाद से फ्लाइट से लखनऊ आए। लखनऊ से बड़े भाई द्वारा भेजी गई गाड़ी में बैठकर घर आए। यहां प्राथमिक रूप से जांच के बाद विमलेश की हालत बिगड़ती गई।
परिवार वाले उन्हें लेकर इलाके के प्राइवेट हॉस्पिटल में गए, जहां दो दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने की बात कही। इसके बाद विमलेश के परिवार ने उन्हें मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मोती हॉस्टिपल में मात्र चार दिन के इलाज के एवज में प्रबंधन ने नौ लाख का बिल बनाया। इसके बावजूद उन्हें लेटर हेड पर डेथ सर्टिफिकेट देकर डिस्चार्ज कर दिया गया।