Monday, May 13, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

शराबी शिक्षकों से परेशान हो बच्‍चों ने छोड़ा स्‍कूल, गेट पर लटक रहा है ताला……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

जशपुर। छत्‍तीसगढ़ के जशपुर नगर शराबी शिक्षकों से परेशान होकर अभिभावकों ने अपने बच्‍चों के टीसी कटवा लिए। सभी बच्‍चों के स्‍कूल छोड़ देने से स्‍कूल गेट पर अब ताला लटका हुआ है। हालांकि लगातार आ रही शिकायत के बाद एक शिक्षक का हटाकर शिक्षा विभाग की ओर से महिला शिक्षिका की पदस्‍थापना कर दी गई है।

लेकिन अभिभावक अभी भी समस्‍या का पूरी तरह से निराकरण न होने तक बच्‍चों को स्‍कूल भेजने को तैयार नहीं है। जबकि इससे दो किमीटर दूर एक ओर स्‍कूल में बच्‍चों को दाखिला करवाने पर बच्‍चों का हाथी का आक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ये मामला फरसाबहार ब्लाक के ग्राम पंचायत कंदईबहार के छिरोटोली प्राथमिक पाठशाला का है।

शराब के नशे में धुत्त रहते थे शिक्षक

मिली जानकारी के मुताबिक ये एक सरकारी प्राथमिक स्‍कूल है जिसमें 16 बच्चों का नाम पंजीकृत किया गया था। शिक्षा विभाग ने इसके लिए दो शिक्षकों को रखा गया था। लेकिन दोनों ही शिक्षक आए दिन शराब के नशे में धुत्त रहते थे और ऐसी ही अवस्‍था में स्‍कूल आ जाते थे जिससे अभिभावक काफी परेशान थे।

किसी ने गंभीरता से नहीं लिया

इन शिक्षकों को हटाने के लिए अभिभावकों ने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से भी इस संबंध में शिकायत की थी। लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद अभिभावकों ने बैठक बुलाई और सबने मिलकर बच्‍चों को स्‍कूल से निकालने का फैसला किया।

अभिभावकों का कहना था कि इन शराबी शिक्षकों से बच्‍चों की सुरक्षा को खतरा है और शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इसके बाद अभिभावकों ने एक.एक कर स्कूल से अपने बच्चों के स्थानानतंरण प्रमाण पत्र लेकर दो किलोमीटर दूर दूसरे स्‍कूल में डाल दिया। वर्तमान में इस स्‍कूल पर ताला लटका हुआ है।

जानें कैसे सामने आया मामला

इस मामले के बारे में तब पता चला जब उच्च न्यायालय बिलासपुर के अधिवक्ता दिलमन मिंज अपने गृहग्राम आए। उन्‍होंने स्‍कूल पर ताला लटका देख लोगों से इस बारे में पूछताछ की और कारण जान स्‍कूल की तस्‍वीर और वीडियो इंटरनेट पर शेयर कर दी।
मासूमों के जीवन को खतरा

दूसरे स्‍कूल में बच्‍चों का दाखिला तो हो गया है परन्‍तु अभी भी उनका जीवन खतरे में है। स्‍कूल पहुंचने के लिए उन्‍हें हाथी प्रभावित गांव से होकर जाना होता है। जिससे बच्‍चों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। अभिभावक अब अपना काम छोड़ बच्‍चों को स्‍कूल लाने और ले जाने में लगे हुए हैं।

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