Monday, April 29, 2024
उत्तर-प्रदेश

आज चंदौली में मनाया गया विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस……… घरेलू झगड़े, सामाजिक तनाव से हताशा व निराशा में कोई भी गलत कदम न उठायें

चंदौली, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क ।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर शनिवार को एनएलएस इंटर कॉलेज रंगौली में आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम द्वारा छात्र-छात्राओं को परामर्श दिया गया| इसमें 350 छात्र-छात्राओ एवं 15 शिक्षकों को आत्महत्या रोकथाम के बारे में बताया गया एवं जागरूकता रैली निकाली गयी|

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने बताया कि जीवन में जल्द से जल्द सब कुछ हासिल कर लेने की तमन्ना और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ है जिस वजह से घरेलू झगड़े कर्ज गरीबी बेरोजगारी, प्रेम संबंध, तलाक आजकल लोग इन कारणों से बेवजह मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं | इसमें जरा सी नाकामयाबी अखरने लगती है और लोग अपनी जिन्दगी तक को दांव पर लगा देते हैं | इसी को देखते हुए हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है | इसे मनाने का मकसद आत्महत्या को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना है। इसके जरिये यह सन्देश देने की कोशिश की जाती है कि आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है|

मनोचिकित्सक डॉ नितेश सिंह ने कहा कि दुनिया भर में आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या और इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ द्वारा प्रत्येक वर्ष 10 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे मनाया जाता है| उन्होने बताया कि आत्महत्या का मुख्य कारण लोगो में मानसिक तनाव अवसाद चिंता के अलावा सामाजिक कारण भी हैं जैसे-घरेलू झगड़े, कर्ज, गरीबी बेरोजगारी, दहेज, प्रेम संबंध, तलाक, अनुचित गर्भधारण, शैक्षिक सार, वैवाहिक संबंधों में विच्छेद इत्यादि है | साल 2016 के बाद से भारत में आत्महत्या के आंकड़ा ने जबरदस्त उछाल देखने को मिले हैं | साथ ही भारत में युवा वर्ग 15 से 29 साल तक 15 – 39 साल के आयु वर्ग के लोगों में आत्महत्या किया गया है | हर साल दुनिया भर में आठ लाख लोगों की मौत से आत्महत्या के कारण होती है| हर 40 सेकंड में एक मौत आत्महत्या से हो रही है।

अपने जीवन के प्रति लापरवाही बरतने लगते हैं |और अपनी जान जोखिम में डालते है | इसलिए जब भी हताशा-निराशा में कोई भी गलत कदम उठाने की बात दिमाग में आये तो सबसे पहले अपनों के या अपने दोस्तों के करीब जाएँ | मन की करें बात, हर समस्या का होगा समाधान|
आजकल में मानसिक तनाव अवसाद चिंता का सहारा नशीले पदार्थों का सेवन ज्यादा करने लगते हैं | आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों के लक्षण एवं संकेतों के आधार पर उनके भावनाओं को शांतिपूर्ण ढंग से सुनने का प्रयास करें तथा उनसे जुड़े कारणों को जानने का प्रयास करें |
इलाज प्रत्येक दिन सोमवार बुधवार शुक्रवार को ओपीडी कमरा नंबर 40 में प्रतिदिन 100 से 150 लोगों की निदान किया जा रहा है |
कार्यक्रम में शामिल हुए मनोचिकित्सक डॉ नितेश सिंह, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार एवं साइकाइट्रिक सोशल वर्कर डॉ अवधेश कुमार मौजूद रहे|

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