Thursday, May 2, 2024
बिहार

इस शख्‍स को रेलमंत्री कहते हैं लोग, बिहार, उत्‍तर प्रदेश सहित 10 राज्‍यों की पुलिस है इससे परेशान……

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

पटना। बिहार ने देश को सर्वाधिक रेल मंत्री दिए हैं। बाबू जगजीवन राम से शुरू हुआ यह सफर राम सुभग सिंह, ललित नारायण मिश्रा, केदार पांडेय, जार्ज फर्नांडीस, राम विलास पासवान, नीतीश कुमार से होता हुआ यह सिलसिला लालू प्रसाद यादव तक पहुंचा है। लेकिन, अब बिहार के रहने वाले एक और रेल मंत्री चर्चा में आ गए हैं। इनकी करतूत से बिहार ही नहीं बल्‍क‍ि उत्‍तर प्रदेश सहित देश के 10 राज्‍यों की पुलिस और आरपीएफ परेशान है। इस शख्‍स की पूरी कहानी जानकर आप चौंक सकते हैं।

कानपुर जीआरपी के दारोगा ने किया बड़ा राजफाश

तीन दिन पहले फुलवारीशरीफ में ट्रेनों के अटैची लिफ्टर गिरोह के सरगना संजय अग्रवाल को गिरफ्तार करने आए कानपुर जीआरपी के दारोगा अब्बास ने बड़ा राजफाश किया है। गिरफ्तारी के दौरान दारोगा अब्बास पर हमले के मामले में संजय, उसकी पत्नी और बेटा गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया है। ऐसे में दारोगा रिमांड पर कानपुर ले जाने के लिए कोर्ट खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

गिरोह से सामान खरीदने वालों की हो गई पहचान

इस बीच इस गिरोह द्वारा ट्रेन से उड़ाए गए सामान की खरीद करने वाले व्यवसायियों का पुलिस ने पता कर लिया है। अब इनपर शिकंजा कसने की तैयारी है। आरा के एक यात्री द्वारा दो माह पूर्व कानपुर जीआरपी थाने में चलती ट्रेन से 12 लाख के गहने चोरी की प्राथमिकी के अनुसंधान के क्रम में पुलिस को पता चला कि यह संगठित गिरोह का काम है।

गिरोह के सरगना को रेल मंत्री कहते हैं मोहल्‍ले के लोग

गिरोह के सदस्यों का ठिकाना पटना का फुलवारीशरीफ व दानापुर है। इनके मोहल्ले के लोग इनकी करतूत जानते हैं और रेल मंत्री कहते हैं। फिर भी पुलिस के हाथ इनके गिरेबां तक नहीं पहुंच पाते। गिरोह में रांची के दंपती व पटना के तीन भाई शामिल हैं। यह गैंग सिर्फ दस राज्यों के ट्रेन रूट में सक्रिय है। अब तक ट्रेन यात्रियों का करोड़ों का सामान उड़ा चुका है।

एसी कोच के यात्री होते हैं इनका निशाना

गैंग का निशाना एसी बोगी के यात्री होते हैं। गैंग के सदस्य फर्जी नाम.पते पर बकायदा चिह्नित ट्रेन में रिजर्वेशन कराते हैं। रात में मौका मिलते किसी ट्रेन यात्री की अटैची या बैग लेकर रास्ते में उतर जाते हैं। ये चोर इतने शातिर हैं कि ट्रेन में बातचीत के दौरान सहयात्रियों की आर्थिक स्थिति का पता कर लेते हैं। यह भी जानकारी ले लेते हैं कि वे किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जा रहे हैं या लौट रहे हैं। ऐसे में उस परिवार के पास गहने होने की संभावना होती है। गैंग के सदस्य अपने लुक पर खासा ध्यान देते हैं। बातचीत में सहयात्रियों को किसी बड़ी कंपनी का अधिकारी बताते हैं। ताकि किसी को शक न हो।

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