चकिया: बढ़ता सूखे का संकट,, ….…निकली 42 नहरों का संचालन बंद,, 11 हजार हेक्टेयर….मचा हाहाकार, मात्र 5 दिन का ही शेष
11हजार हेक्टेयर खेतों पर सूखे का संकट
0 चंद्रप्रभा से निकली 42 नहरों का संचालन बन्द,
0 मचा हाहाकार
चकिया , चंदौली।
मानसून सत्र की विफलता का सीधा असर चंद्रप्रभा सिस्टम पर पड़ा है| बांध सिंचाई के पीक आवर में जीरो होने के कगार पर है, जिसके चलते बांध से से संचालित 42 नहरों का संचालन सिंचाई विभाग ने बंद कर दिया है| वहीं बांध के कैचमेंट में जुड़े लगभग 11 हजार हेक्टेयर खेतों पर सूखे का संकट खड़ा हो गया| जिससे चकिया विकासखंड के चौबीसहा तथा बबुरी क्षेत्र के किसानों में हाहाकार मच गया है|
वर्ष 1956 में निर्मित चंद्रप्रभा बांध में में 3 हजार मिलियन घनफुट जल संग्रहण की क्षमता है| लेकिन वर्तमान मानसून सत्र में बरसात के अभाव के कारण बांध में पर्याप्त पानी नहीं जुट पाया है| बांध का वर्तमान जलस्तर 740 फीट तक पहुंच गया है, तथा बांध में सिंचाई के लिए मात्र 5 दिनों का पानी ही शेष है| जिसके चलते बांध से पानी छोड़े जाने का क्रम बंद कर दिया गया है| बांध का पानी नदी और नहरों में नही छोडे़ जाने से 42 छोटी बड़ी नहर और माइनर बेपानी हो गई हैं| ऊपर से बरसात ना होने से भी धान के खेतों में दरार पड़ने लगी है तथा किसानों पर सूखे का संकट मंडरा रहा है|
इनसेट-
बांध से होती है सैकड़ों गांव की सिंचाई-
चंद्रप्रभा बांध से निकली मुख्य नहर नकोईया से 42 छोटी-बड़ी माइनरें जुड़ी हुई है| जिसमें चौबीसहा क्षेत्र के मुजफ्फरपुर, रघुनाथपुर, प्रेमापुर, पिपरहट, डोड़ापुर, दुबेपुर, दिरेहूं, पुरानी चकिया मोहम्मदाबाद, लालपुर, भीषमपुर, बरौझी, सिकंदरपुर, पर्वतपुर, रामलक्ष्मणपुर, सेमरौर,हाजीपुर, पिपरिया, कुदरा, भटवारा, रामपुर, मैनपुर, गढ़वा उत्तरी, गोगहरा, बीकापुर, साराडीह, हिनौती उत्तरी सहित चकिया के दर्जनों गांव और बबुरी क्षेत्र के गौरी, जलखोर, सिकड़ी, भगतपुर, इंद्रपुरा, नकटी रघुनाथपुर सहित दर्जनों गांव में 11 हजार हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है लेकिन वर्तमान में सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है|
चार लिफ्ट कैनालों का होता है संचालन-
चंद्रप्रभा बांध के पानी से नेवाजगंजगंज पश्चिमी, नेवाजगंज पूर्वी, बैरा पूर्वी तथा बैरा पश्चिमी लिफ्ट कैनाल का संचालन होता है| नदी में पानी कम होने के कारण इन लिफ्ट कैनालो का संचालन भी नहीं के बराबर हो रहा है| यही हाल रहा तो पंप कैनाल पूरी तरह से बंद हो जाएंगे|
क्या कहते हैं किसान-
मुजफ्फरपुर गांव निवासी किसान अमित मिश्रा, रघुनाथपुर गांव निवासी किसान काशीनाथ सिंह, बरौझी गांव निवासी किसान मनीष सिंह पटेल,सिकंदरपुर गांव निवासी किसान राजीव पाठक सहित चंद्रप्रभा सिस्टम से जुड़े तमाम किसानों मैं पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है| उनको डर है कि बरसात नहीं हुई तो उनकी साल भर की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी| जिसका सीधा असर उनके परिवारों पर पड़ेगा|
क्या कहते हैं अधिकारी-
चंद्रप्रभा प्रखंड के एक्सईएन सर्वेशचंद्र सिन्हा ने बताया कि बरसात नहीं होने के चलते बांध के कैचमेंट में पानी एकत्रित नहीं हो पाया है| जिसके चलते बांध के गेट को वर्तमान बंद कर दिया गया है, बारिश हुई तो बांध से पानी की आपूर्ति की जाएगी|