अंग्रेज जज के सामने नई नवेली दुल्हन ने नहीं मांगी थी माफी…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
देवरिया। स्वाधीनता की लड़ाई में देवरिया के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दंपती दो वर्ष तक जेल की सलाखों में कैद रहे। वह अंग्रेज पुलिस के डराने व धमकाने से डरे नहीं, बल्कि साहस के साथ उनका सामना किया। हम बात कर रहे हैं जनपद के एकलौते जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दंपती सलेमपुर के मधवापुर गांव के रहने वाले 99 वर्षीय श्रीराम पांडेय व 97 वर्षीया उनकी पत्नी प्रभावती पांडेय की।
महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से थे प्रेरित
सेनानी श्रीराम पांडेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर वर्ष 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए थे। पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी। सेनानी बांगरबारी गांव के रामदरश राव, सहला के रघुनाथ तिवारी, टैरिया के मुक्तिनाथ तिवारी, पुरैनी परसिया ज्वाला प्रसाद मिश्र, बनकटा के वसुधानंद पांडेय, केहुनिया के चुम्मन दुबे आदि उनके घर में छिपे थे। किसी मुखबिर ने अंग्रेज अफसर लार्ड वेलेंक्टन को छिपे होने की जानकारी दे दी।
इस वजह से अंग्रेजी पुलिस ने प्रभावती को किया था गिरफ्तार
पुलिस घर पहुंची तो पत्नी प्रभावती पांडेय ने घर में किसी के नहीं होने की बात कही। अफसर जबरदस्ती घर में घुस गए। श्रीराम पांडेय समेत सभी आंदोलनकारी पकड़े गए। पुलिस ने प्रभावती को भी गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन अंग्रेज जज के सामने नवेली दुल्हन प्रभावती कटघरे में पहुंची। जज ने अपने साथियों का नाम बताने व गलती मान कर माफी मांगने को कहा, लेकिन प्रभावती ने माफी नहीं मांगी।